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पिछले कुछ महीनों से लगातार बढ़ती सोने (Gold) की कीमतें आम जनता की जेब पर भारी पड़ रही थीं। लेकिन पिछले तीन दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। सोने की कीमत में 4000 की कमी आई है, जबकि चांदी की कीमत 11000 रुपए तक गिर गई है। इससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। हालांकि, अब भी ग्राहक 'वेट एंड वॉच' की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं।
ट्रंप की नीतियों का असर: बाजार में हलचल
सोने और चांदी की कीमतों में आई गिरावट के पीछे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। जलगांव बाजार में सोने की कीमत इसी नीति के चलते गिरी हैं। वर्तमान में जीएसटी सहित सोने की कीमत 91,260 और चांदी की कीमत 92,700 प्रति किलो हो गई है। बीते चार दिनों में यह गिरावट उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आई है।
निवेशकों में दिख रहा असमंजस
कुछ ही दिनों पहले सोने की कीमत 96,000 तक पहुंच गई थी, लेकिन अब इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में कीमत 55,000 तक भी जा सकती है। दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट के बावजूद, निवेशक सोने को इस समय सुरक्षित निवेश के रूप में नहीं देख रहे हैं, जिससे बाजार में असमंजस का माहौल बना हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ा उत्पादन
Morningstar के रणनीतिकार जॉन मिल्स के अनुसार, सोने की कीमतों में 38% तक की गिरावट आ सकती है। इसके पीछे प्रमुख कारण सोने के उत्पादन में वृद्धि है। 2024 की दूसरी तिमाही में खनन से प्रति औंस 950 का लाभ हुआ है। विश्व स्तर पर सोने का उत्पादन 2,16,265 टन तक पहुंच गया है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया का योगदान प्रमुख रहा है। इसके अलावा, रीसाइकल्ड गोल्ड की आपूर्ति में भी इजाफा हुआ है।
केंद्रीय बैंकों की मांग में गिरावट की संभावना
2024 में विश्व भर के केंद्रीय बैंकों ने 1,045 टन सोना खरीदा था, लेकिन वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सर्वे के अनुसार, अगले साल 71% केंद्रीय बैंक अपनी गोल्ड खरीद को घटा सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो सोने की मांग में गिरावट आएगी और कीमतों में और कमी संभव है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आने वाले समय में सोने की कीमतों में और गिरावट की पूरी संभावना बनी हुई है।