भारत ने म्यांमार को 50 टन राहत सामग्री सौंपी

    01-Apr-2025
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भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाई

relief material(Image Source : Internet) 
एबी न्यूज़ नेटवर्क।
भारत (India) ने सोमवार को आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री के जरिए 50 टन राहत सामग्री म्यांमार को सौंपी। भारत के म्यांमार में राजदूत अभय ठाकुर ने यांगून में यह राहत सामग्री सौंपी, जो भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में वितरित की जाएगी। भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री द्वारा लाई गई 50 टन राहत सामग्री आज यांगून में राजदूत अभय ठाकुर ने सौंपी। भारतीय वायुसेना और नौसेना के छह विमान और पांच जहाजों के माध्यम से यह सहायता यांगून, नेपितॉ और मांडले तक पहुंचाई गई।"
 
7.7 तीव्रता के भूकंप से 2000 से ज्यादा मौतें
म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में अब तक 2000 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भूकंप का प्रभाव थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक और चीन के कुछ हिस्सों तक महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र म्यांमार के सगाइंग क्षेत्र में था, जो मांडले के करीब स्थित है। इस आपदा के कारण देशभर में भारी बुनियादी ढांचे का नुकसान हुआ है, जिससे बचाव कार्यों में भी कठिनाइयां आ रही हैं।
 
भारत ने 'ऑपरेशन ब्रह्म' किया लॉन्च
भारत ने 29 मार्च को ‘ऑपरेशन ब्रह्म’ के तहत म्यांमार के लिए आपातकालीन सहायता, राहत सामग्री और चिकित्सा टीमों को भेजने की घोषणा की। भारतीय दूतावास ने कहा कि भारत ने भोजन, पानी, तंबू, दवाएं और अन्य आवश्यक आपूर्ति के साथ-साथ बचाव कर्मियों और मेडिकल टीमों को भेजा है। इस अभियान के तहत म्यांमार के सगाइंग, मांडले, नेपितॉ, शान और बागो क्षेत्रों में सहायता पहुंचाई जा रही है।
 
पहला राहत दल और अस्पताल स्थापित
भारत ने 29 मार्च को एक सी-130 विमान के माध्यम से 15 टन सहायता सामग्री भेजी थी, जिसमें तंबू, कंबल, खाद्य पैकेट, हाइजीन किट, जनरेटर और दवाइयां शामिल थीं। इसके अलावा, 80 सदस्यीय राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम और 120 से अधिक मेडिकल स्टाफ को भी राहत कार्यों के लिए भेजा गया। भारतीय सेना की मेडिकल टीम ने मांडले के पुराने हवाईअड्डे पर फील्ड अस्पताल स्थापित किया, जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है।
 
भारतीय नौसेना के और जहाज राहत लेकर रवाना
आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री के बाद आईएनएस करमुख, आईएनएस घड़ियाल और एलसीयू-52 समेत तीन और भारतीय नौसेना के जहाज 500 टन से अधिक राहत सामग्री लेकर म्यांमार के लिए रवाना हो चुके हैं। इसके अलावा, एक और भारतीय वायुसेना का सी-130 विमान जल्द ही मांडले में 15 टन राहत सामग्री लेकर पहुंचेगा।
 
भारत ने फिर साबित किया ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ होने का दर्जा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के सैन्य प्रमुख मिन आंग हलाइंग से बात कर भूकंप पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत म्यांमार के लोगों के साथ खड़ा है और तेजी से राहत और बचाव अभियान चला रहा है। भारत ने एक बार फिर साबित किया कि वह दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के समय ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।