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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) स्थित अपने आवास पर दलाई लामा (Dalai Lama) को सोमवार को गोल्ड मर्करी अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें शांति, करुणा, शिक्षा और मानवाधिकारों के प्रति उनकी आजीवन प्रतिबद्धता के लिए दिया गया। गोल्ड मर्करी इंटरनेशनल के अध्यक्ष और महासचिव निकोलस डी सैंटिस ने दलाई लामा को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया। सैंटिस ने कहा, "यह आपके लिए गोल्ड मर्करी अवार्ड फॉर पीस एंड सस्टेनेबिलिटी 2025 प्रदान करना हमारे लिए एक गहरा सम्मान है। आपकी बुद्धिमत्ता, करुणा और शांति के प्रति अटूट समर्पण ने पूरे विश्व को प्रेरित किया है।"
अहिंसा, मानवता और स्थिरता के पक्षधर
निकोलस डी सैंटिस ने दलाई लामा की शिक्षाओं और उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि दलाई लामा ने दशकों से अहिंसा, मानव गरिमा, अंतरधार्मिक संवाद और पर्यावरणीय स्थिरता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, "आपका संदेश हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं—न केवल राष्ट्रों के रूप में, बल्कि एक मानव परिवार के रूप में, जो एक नाजुक ग्रह को साझा कर रहे हैं।" उन्होंने दलाई लामा के तिब्बतियों के अधिकारों के अहिंसक समर्थन और जलवायु परिवर्तन की चेतावनी को लेकर उनकी वैश्विक आवाज को भी सराहा।
चीन और तिब्बती विवाद पर प्रतिक्रिया
गोल्ड मर्करी इंटरनेशनल के अनुसार, यह पुरस्कार उन दूरदर्शी नेताओं को दिया जाता है जो साहस और नीतिपरकता के साथ भविष्य का निर्माण करते हैं। हालांकि, चीन ने दलाई लामा को "विभाजनकारी" करार दिया है और उनके उत्तराधिकारी के चयन पर दावा जताया है। लेकिन 89 वर्षीय दलाई लामा ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर चीन द्वारा उत्तराधिकारी चुना जाता है, तो उसे मान्यता नहीं दी जाएगी। मानवाधिकार समूहों और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीन तिब्बती संस्कृति, धर्म और स्वतंत्रता को दबाने के लिए कठोर निगरानी, जबरन एकीकरण और दमनकारी नीतियों का सहारा ले रहा है।