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नई दिल्ली।
भारत ने म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद ऑपरेशन ब्रह्म (Operation Brahma) के तहत एक विशेष बचाव दल तैनात किया है। शनिवार को 50 (I) पैरा ब्रिगेड की 118 सदस्यीय टीम, जिसमें चिकित्सा और संचार इकाइयाँ शामिल हैं, म्यांमार की राजधानी नायपीतॉ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंची। भारतीय सेना के अनुसार, इस अभियान का नेतृत्व 50 (I) पैरा ब्रिगेड के कमांडर कर रहे हैं। हवाई अड्डे पर भारतीय राजदूत, रक्षा अटैची और म्यांमार के नौसेना अटैची ने टीम का स्वागत किया। इसके बाद, आवश्यक आपूर्ति और उपकरणों को उतारने के बाद, टीम को हवाई अड्डे से 45 मिनट की दूरी पर स्थित एक अस्थायी बेस पर स्थानांतरित कर दिया गया।
मंडले बना प्राथमिक ऑपरेशन केंद्र
रविवार सुबह, ऑपरेशन का विस्तार करते हुए एक अधिकारी और एक जूनियर कमीशंड अधिकारी वाली एक टुकड़ी मांडले भेजी गई, जो नायपीतॉ से 160 मील उत्तर में स्थित है। मांडले को मुख्य ऑपरेशन केंद्र के रूप में चुना गया है, जहां पूरी टीम दोपहर तक पहुंचने की योजना बना रही है। फिलहाल हवाई मार्ग से बचाव दल भेजा जा रहा है, लेकिन सड़क मार्ग से भी राहत कार्य जारी रखने पर विचार किया जा रहा है। इससे पहले, भारत ने सी-130 विमान के जरिए 38 एनडीआरएफ कर्मियों और 10 टन राहत सामग्री को नायपीतॉ पहुंचाया था।
60 बिस्तरों वाला मेडिकल ट्रीटमेंट सेंटर होगा स्थापित
भारतीय सेना ने घोषणा की है कि म्यांमार में एक 60-बिस्तरों वाला चिकित्सा केंद्र स्थापित किया जाएगा, जहां भूकंप पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी। यह केंद्र आपातकालीन सर्जरी, ट्रॉमा के मामलों और अन्य जरूरी चिकित्सा सेवाओं के लिए तैयार किया गया है, जिससे म्यांमार की भूकंप प्रभावित स्वास्थ्य व्यवस्था को सहयोग मिलेगा। भारत ने पहले ही म्यांमार के लिए हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से मानवीय सहायता की पहली खेप रवाना कर दी है। भूकंप से अब तक 1,600 से अधिक मौतें हो चुकी हैं और विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह आंकड़ा 10,000 तक पहुंच सकता है।