- भूकंप से भारी तबाही
(Image Source : Internet) एबी न्यूज़ नेटवर्क।
म्यांमार (Myanmar) के केंद्रीय हिस्से में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से मरने वालों की संख्या 1,600 को पार कर गई है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को आए इस भूकंप ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास भारी तबाही मचाई। बचाव दल और स्वयंसेवक क्षतिग्रस्त इमारतों, मठों और मस्जिदों के मलबे में जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं। बिजली के तारों के गिरने और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान के कारण राहत कार्य में काफी मुश्किलें आ रही हैं।
10,000 से अधिक मौतों की आशंका
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने अनुमान जताया है कि इस भूकंप में मरने वालों की संख्या 10,000 से अधिक हो सकती है। पहले से ही म्यांमार का बड़ा हिस्सा गृहयुद्ध और खाद्य संकट से जूझ रहा था। लगभग 2 करोड़ लोग पहले से ही खाद्य और आश्रय की भारी कमी का सामना कर रहे थे। भूकंप के बावजूद, म्यांमार की सैन्य सरकार ने शुक्रवार रात भी विद्रोही इलाकों पर हवाई हमले जारी रखे, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश और बढ़ गया।
विद्रोही सरकार ने सैन्य हमले रोके, लेकिन आत्मरक्षा जारी रहेगी
म्यांमार की राष्ट्रीय एकता सरकार (National Unity Government), जो सैन्य शासन का विरोध कर रही है, ने घोषणा की है कि वह भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अगले दो हफ्तों तक किसी भी प्रकार का आक्रामक सैन्य अभियान नहीं चलाएगी। हालांकि, उसने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आवश्यक हुआ तो वह अपनी आत्मरक्षा का अधिकार सुरक्षित रखेगी।
जगह-जगह सैन्य तैनाती, लेकिन कोई मदद नहीं
रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप प्रभावित इलाकों में सैनिक और पुलिस अधिकारी तो दिखाई दे रहे हैं, लेकिन वे राहत कार्यों में कोई सक्रिय योगदान नहीं दे रहे। स्वयंसेवकों और स्थानीय निवासियों ने सेना की उपेक्षा पर नाराजगी जताते हुए कहा, "हमें बंदूकों की नहीं, मददगार हाथों और दयालु दिलों की जरूरत है।" म्यांमार की सेना ने आपदा के दायरे को स्वीकार किया है और छह क्षेत्रों में आपातकाल घोषित किया है, जिनमें कुछ विद्रोही नियंत्रण वाले क्षेत्र भी शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील, लेकिन बड़ी बाधाएं
म्यांमार की सैन्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आपातकालीन सहायता की अपील की है। हालांकि, पाबंदियों, नष्ट बुनियादी ढांचे और सैन्य हस्तक्षेप के कारण राहत पहुंचाने में कठिनाइयां आ रही हैं। विदेशी सहायता एजेंसियों के लिए धन हस्तांतरण करना और जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाना बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। इस आपदा ने म्यांमार में पहले से व्याप्त राजनीतिक अस्थिरता और मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है।