नागपुरः
हुड़केश्वर पुलिस थानांतर्गत (Hudkeshwar Police Station) एक पुलिस उपनिरीक्षक ने विधायक मोहन मते द्वारा पिटाई किए जाने की शिकायत की है. हैरानी की बात यह है कि जब पुलिस ने घटनास्थल पर सीसीटीवी जांच की तो ऐसी कोई घटना नजर नहीं आई. यह थानेदार ने स्पष्ट किया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि संबंधित पीएसआई ने किस मकसद से मते पर आरोप लगाए हैं?
पुलिस उपनिरीक्षक श्याम कनोजिया हैं. शिकायत के मुताबिक 5 सितंबर को विधायक मोहन मते एक ग्रीन जिम के उद्घाटन के लिए जा रहे थे. उस दौरान गजेंद्र मोहाडिकर ने विधायक मोहन मते को बताया कि पीएसआई कनोजिया घर खाली नहीं कर रहे हैं और उन्होंने 7-8 महीने का किराया भी नहीं दिया है. तभी पीएसआई कनोजिया कुत्ते को घुमाते हुए वहां से गुजर रहे थे. विधायक मते ने कनोजिया से किराया न चुकाने को लेकर जवाब तलब किया. इसके बाद पीएसआई कनोजिया ने हुड़केश्वर थाने में शिकायत कर दी कि विधायक मते ने उन्हें थप्पड़ मारा.
हालांकि हुड़केश्वर के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ज्ञानेश्वर भेदोडकर ने बताया कि घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज जांचने पर ऐसी मारपीट की कोई घटना नहीं दिखी. हुड़केश्वर पुलिस ने कनोजिया को मेडिकल जांच करवाने की सलाह दी लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया. इसके बाद विधायक मोहन मते के समर्थक, पूर्व नगरसेवक पिंटू झलके ने पीएसआई कनोजिया के खिलाफ शिकायत की है कि वे पुलिस में होने का अनुचित फायदा उठाते हुए घर खाली करने में टालमटोल कर रहे हैं. वहीं यह भी उल्लेख किया है कि विधायक मते पर मारपीट का आरोप बेबुनियाद है.