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चेन्नई : चेन्नई के सरकारी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित आध्यात्मिक सत्र को लेकर विवाद उठने के बाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि 'विज्ञान प्रगति का मार्ग है'। यह सत्र महाविष्णु परमपोरुल फाउंडेशन (NGO) द्वारा आयोजित किया गया था और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे डीएमके समर्थकों ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े किए।
डेमोक्रेटिक यूथ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (Democratic Youth Federation of India) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (Students Federation of India) के कार्यकर्ताओ ने भी चेन्नई में विरोध प्रदर्शन किया और आध्यात्मिक जागृति कक्षाओं' पर शिक्षा विभाग से सवाल किए। बाद में, मुख्यमंत्री ने आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य की पाठ्यपुस्तकों में छात्रों के लिए सबसे अच्छे वैज्ञानिक विचार हैं जिन्हें जानना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षक छात्रों के लिए सर्वोत्तम विचारों को सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ताकि वे चुनौतियों का सामना कर सकें और अपने ज्ञान को बढ़ा सकें।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने ट्विटर पर कहा कि राज्य की पाठ्यपुस्तकों में वैज्ञानिक विचारों को प्राथमिकता दी जाएगी और शिक्षकों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए नवीनतम प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि छात्रों के दिलों में नैतिकता और सामाजिक विकास के विचारों को बसाया जाना चाहिए और शिक्षा के महत्व पर लगातार बल दिया है। विवाद के बाद, शिक्षा मंत्री अंबिल महेश ने स्कूल का निरीक्षण किया और छात्रों को अध्ययन की सलाह दी। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।