छगन भुजबल छोड़ेंगे अजित दादा का साथ !

06 Sep 2024 17:14:33
- कट्टर समर्थकों ने शुरू कर दिया राम-राम ठोकना

Chhagan Bhujbal and Ajit Pawar(Image Source : Internet) 
नागपुर।
विगत कई दिनों से राकांपा अजित पवार गुट में नाराज चल रहे मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal ) जल्द ही अजित दादा का साथ छोड़कर नए सिरे से शरद पवार का हाथ थाम सकते हैं। बताते हैं कि भुजबल वर्तमान में अजित पवार के साथ 'फाइनल सेटलमेंट' में लगे हुए हैं लेकिन उनकी मांगों पर अजित दादा द्वारा गंभीरता से विचार नहीं किए जाने से उन्होंने अपने कट्टर समर्थकों को नई राह तलाशने कह दिया है। संभवतः भुजबल के ही इशारे पर राकांपा अजीत पवार गुट के प्रदेश महासचिव और ओबीसी सेल के राज्य समन्वयक ईश्वर बालबुधे ने अपने पद व सक्रियता से इस्तीफा दे दिया है।
 
बालबुधे का यह कदम भुजबल की भविष्य की राजनीति को इंगित करता है। छगन भुजबल का हाथ पकड़कर ही ईश्वर बालबुधे चल रहे थे लेकिन अपने नेता के इशारे पर ही उन्होंने अजित दादा की पार्टी को राम-राम कह दिया। बालबुधे ने अपना इस्तीफा प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे को भेज दिया है।
 
उल्लेखनीय है कि ईश्वर बालबुधे ने विधान परिषद का टिकट अजित पवार से मांगा था। संभवतः अजित पवार द्वारा विदर्भ के किसी भी राकांपा नेता को विधान परिषद के लिए टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर ही बालबुधे ने इस्तीफा दे दिया। अब नजरें सभी की इस ओर लगी हैं कि छगन भुजबल कब पार्टी और मंत्री पद को राम-राम कहते हैं। ओबीसी कोटे से मराठा आरक्षण देने की मनोज जरांगे-पाटिल की मांग को लेकर जरांगे व छगन भुजबल में विगत कई दिनों से ठनी हुई है तथा आरोप-प्रत्यारोप के दौर चल रहे हैं।
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