बुलढाणा में एसटी कर्मचारियों का आंदोलन! बस सेवाएं ठप, त्यौहार के बीच यात्रियों को भारी असुविधा

04 Sep 2024 19:13:09
ST employees protest in Buldhana
 (Image Source : Internet/ Representative)
 
बुलढाणा :
महाराष्ट्र एसटी कामगार संयुक्त कृती समिती द्वारा 3 सितंबर से शुरू किए गए आंदोलन का असर दूसरे दिन भी जारी रहा। जिले के एसटी कर्मचारियों और कामगारों ने भारी संख्या में इस आंदोलन में भाग लिया, जिससे बुलढाणा जिले की एसटी बस सेवाएं लगभग ठप हो गईं। इस आंदोलन के चलते त्योहारों के मौसम में लाखों यात्रियों को भारी असुविधा और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बुलढाणा जिले में सात एसटी बस डिपो हैं, जिनमें बुलढाणा, चिखली, मेहकर, जळगाव जामोद, खामगांव, शेगाव और मलकापूर शामिल हैं। एसटी महामंडल के वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार, इन सात डिपो से प्रतिदिन 340 से 350 'फेरिया' संचालित होते हैं, जिनसे लाखों की संख्या में यात्री यात्रा करते हैं। इन यात्रियों में नियमित यात्री, विद्यार्थी, कर्मचारी, कामगार, व्यवसायी और निजी कर्मचारी शामिल हैं।
 
लाखों का नुकसान
 
महिलाओं को किराए में 50% की छूट मिलने के कारण महिला यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। बसों में महिला यात्रियों की संख्या 60% से 70% तक पहुंच गई है। एसटी कर्मचारियों के आंदोलन के कारण सात डिपो की बस सेवाएं लगभग ठप हो जाने से यात्रियों को मंगलवार, 3 सितंबर को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अधिकांश यात्रियों को आंदोलन की जानकारी नहीं थी, जिससे उन्हें लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा और उनके काम में देरी हुई। आज बुधवार को भी यही स्थिति रही, जिससे निजी परिवहन वाहनों के मालिकों को लाभ हुआ। एसटी महामंडल के बुलढाणा विभाग को एक ही दिन में लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
 
संयुक्त कृती समिती के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि आज के आंदोलन में बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए हैं। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य एसटी कर्मचारियों की विभिन्न आर्थिक मांगों की ओर शासन और महामंडल प्रबंधन का ध्यान आकर्षित करना है। इन मांगों में राज्य कर्मचारियों की तरह वेतन, हाउस रेंट अलाउंस, वार्षिक वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ते की लागू कार्रवाई और मूल वेतन में विसंगति दूर करना शामिल हैं। 7 अगस्त को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, वरिष्ठ अधिकारी और संयुक्त कृती समिति की बैठक के बाद भी समाधान न मिलने पर 23 अगस्त को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद 3 सितंबर से तीव्र आंदोलन शुरू किया गया है।
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