कोल्हापुर : कोल्हापुर हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीपी-एससीपी पार्टी के शरद पवार ने अपने विचार रखते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं है और इस पद पर अंतिम फैसला महाराष्ट्र में चुनाव के बाद लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव वो ही जीतेंगे, जिसमे उन्हें कोई शक नहीं है। चुनाव के बाद वो इसे लेकर चर्चा करने वाले है।
मोरारजी देसाई का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले ऐसा कई बार हुआ है की कोई पार्टी बिना किसी चेहरा लिए चुनाव लड़ता है। जिसके बाद सरकार चलाने के लिए किसी को चुन लिया है। 1977 में आपातकाल के तुरंत बाद हुए चुनाव में कोई प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं था। जयप्रकाश नारायण प्रमुख थे, लेकिन चुनाव के बाद मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री चुना गया। उनके अनुसार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए किसी चेहरे को चुनने की जरूरत नहीं है। चुनाव के बाद, जनता के बहुमत के आधार पर हम मिलकर मुख्यमंत्री चुन सकते है।
बदलापुर में हुई घटना के बारे में उन्होंने कहा कि छोटी बच्चियों के साथ अत्याचार हुआ, जो बहुत गलत है। जिन लोगों ने सरकार के खिलाफ विरोध किया, उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए, जिससे लोगों में गुस्सा बढ़ गया। मामले दर्ज करना सही नहीं है। यह कोई राजनीतिक बात नहीं है कि जिन पर केस दर्ज हुए हैं, उनके केस वापस लिए जाएं। हमने उन लोगों को नहीं बुलाया जो विरोध में आए थे। इसमें राजनीति का कोई मुद्दा नहीं है।
सिंधुदुर्ग जिले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'जिस व्यक्ति को इसका काम सौंपा था वो अनुभवी नहीं था। तेज हवा के कारण गिरने का तर्क सही नहीं है, क्योंकि अन्य जगहों पर तेज हवा का कोई असर नहीं हुआ। ऐसे व्यक्ति को काम देना गलत है।' फडणवीस के बयान पर उन्होंने ने कहा कि इतिहास पर बोलने का अधिकार उन्हें नहीं है। जयसिंह राव पवार और इंद्रजीत सावंत ने कहा है कि शिवाजी महाराज ने सूरत पर दो बार हमला किया था। लोगों को गलत इतिहास नहीं बताना चाहिए और इतिहासकारों की राय का सम्मान किया जाना चाहिए। जाति आधारित जनगणना पर पवार ने कहा, जाति जनगणना पिछड़े समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है। यदि आरएसएस इसके समर्थन में है, तो यह सही है।