नागपुर।
अनेक वर्षों से जारी पोले के दूसरे दिन मध्य नागपुर में मारबत उत्सव (Marbat festival) को देखने जनसमूह उमड़ पड़ा। इस बार तकरीबन बीस से पच्चीस मारबत व बड़गे निकाले गए। समाज में पनप रहीं बुराइयों पर खूब कटाक्ष किया गया। मसलन भ्रष्टाचार, नारी उत्पीड़न, ड्रग माफिया, दलबदल, रिश्वतखोरी व राजनीति विषय प्रमुख रहे।
पीली मारबत व काली मारवत आकर्षण का केंद्र रही। पीली मारबत इस वर्ष नई सजावट में दिखी। कहा जाता है यह उत्सव श्रीकृष्ण के पूतना वध व भोसले राज में बकाबाई के विशेष स्वरूप निकाली जाती है। इसके माध्यम से सामाजिक बुराइयों पर कटाक्ष किया जाता है। इन मारबत ने नेहरू पुतला, शहीद चौक, तांगा स्टैंड चौक, बडकस चौक, महल, गांवी गेट, अग्रसेन चौक, गोलीबार चौक आदि इलाकों का भ्रमण किया। लोग रोग राई, खोखला घेऊन जा रे मारबत इस तरह के नारे लगाते रहे।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन के बाद वातावरण शुद्ध व बीमारियां कम होने लगती है। इस अवसर पर बच्चों के खिलौने व खान पान वालों ने खूब धंदा किया। डीजे के अति कर्कश कानफाडू आवाज से लोग परेशान हुए जिस पर प्रशासन का कोई अंकुश नहीं रहा।