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इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने संभावित कोर्ट मार्शल को लेकर इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने 9 मई के दंगों से संबंधित संभावित कोर्ट मार्शल की आशंका जताई है, जो रावलपिंडी में उनके खिलाफ दर्ज FIR पर आधारित है। इस संबंध में डॉन ने एक रिपोर्ट जारी की है।
सैन्य अदालत में चल सकता है मुकदमा
खान ने अपनी याचिका में हाल ही में गिरफ्तार सेवानिवृत्त ISI लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद का हवाला दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस अधिकारी को 9-10 मई 2023 के मामलों में खान के खिलाफ गवाह बनाया जा सकता है और खान को सैन्य हिरासत में भेजा जा सकता है। खान ने बैरिस्टर अकील मलिक के बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया कि उनके खिलाफ सैन्य अदालत में मुकदमा चल सकता है। कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने भी बताया कि यह पंजाब सरकार का निर्णय होगा कि मामलों को सैन्य अदालत में भेजा जाए या नहीं। हालांकि, अफवाहें हैं कि खान की हिरासत सैन्य अधिकारियों को सौंप दी गई है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
नागरिक अदालत में की जाए सुनवाई
खान ने यह भी दावा किया कि उनके कोर्ट मार्शल का निर्णय सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ के 'जव्वाद एस ख्वाजा बनाम फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान' फैसले के विपरीत होगा, जिसमें कोर्ट मार्शल के माध्यम से नागरिकों पर मुकदमा चलाना असंवैधानिक माना गया था। याचिका में यह भी कहा गया है कि 9-10 मई 2023 के मामलों में 103 बंदियों की हिरासत का तरीका अवैध था और सेना के अधिकारियों द्वारा खान को हिरासत में लेने की संभावना है। याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री खान की हिरासत सैन्य अधिकारियों को न सौंपे और उनके मामलों की सुनवाई नागरिक अदालतों में की जाए।