मानव तस्करी को रोकने में छात्रों की भूमिका अहम

    03-Sep-2024
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- राज्य मानवाधिकार आयोग कार्यशाला के दौरान मान्यवरों ने कहा
- विद्यार्थियों ने दिया बेहतरीन प्रतिसाद

Human trafficking 
नागपुर।
हाल ही में सिम्बायोसिस लॉ स्कूल में मानव तस्करी (Human trafficking) की चुनौती और इस चुनौती से निपटने में युवाओं की भूमिका विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग, सिम्बायोसिस लॉ स्कूल और एलायंस अगेंस्ट सेंटर्स ऑफ ट्रैफिकिंग के सहयोग से किया गया। कार्यशाला से पता चला कि मानव तस्करी को रोकने में छात्रों की भूमिका अद्वितीय है। इस कार्यशाला में विद्यार्थियों का बेहतरीन प्रतिसाद मिला।
 
मुंबई उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वीएम देशपांडे, महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश केके तातेड, आयोग के सदस्य एमए सईद और संजय कुमार, पुलिस उपायुक्त रागसुधा आर, वरिष्ठ वकील निष्ठा दुबे; सिम्बायोसिस लॉ स्कूल के निदेशक डॉ. सुखविंदर सिंह दारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस कार्यशाला में 350 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। सेवानिवृत्त न्यायाधीश वीएम देशपांडे ने युवाओं को केंद्र में रखकर शिक्षित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। गवाहों की कमी और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग की कमी के कारण भारत में मानव तस्करी के मामलों में सजा की दर कम है। उन्होंने कहा कि युवाओं को निडर होकर मानव तस्करी का सामना करने की जरूरत है।
 
आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति के.के. तातेड़ ने कॉलेज के विद्यार्थियों से कहा कि यदि मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है तो उस पर आंखें मूंदने की बजाय सीधे आयोग से शिकायत करें। आयोग के सदस्य एमए सईद ने छात्रों से जागरूक नागरिक बनने और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए काम करने की अपील की। सदस्य संजय कुमार ने कहा कि मानव तस्करी में सबसे अधिक समस्या मजदूर वर्ग को है। रागसुधा आर ने मानव तस्करी पर एक अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत की। निष्ठा दुबे ने अपने संगठन के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही नवीन सामूहिक पुलिसिंग पहल के बारे में जानकारी दी। डॉ. सुखविंदर सिंह दारी, निदेशक, सिम्बायोसिस लॉ स्कूल, नागपुर द्वारा परिचयात्मक भाषण दिया गया। प्रोफेसर डॉ. अहमर अफाक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।