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वर्धा :
पिठोरी अमावस्या के दिन पोला मनाया जाता है। साल भर खेतों में मेहनत करने वाले बैलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष जिले में 753 जगहों पर पोला मनाया जाएगा। किसानों के इस उत्सव के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अर्थव्यवस्था कृषि और कृषि आधारित व्यवसायों पर ही निर्भर है. हालांकि कुछ लोग सरकारी नौकरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, फिर भी किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर धूप, बारिश और ठंड की परवाह किए बिना काम करने वाले बैलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने वाले पोले के त्यौहार का महत्व आज भी बना हुआ है।
जिले के देवली, वडनेर, पुलगांव से मारबत निकाली जाएगी. साथ ही भव्य शोभायात्रा भी निकाली जाएगी. इसका उद्देश्य समाज में व्याप्त बुरी चीजों का नाश करना और अच्छी चीजों को बढ़ावा देना है. पीली मारबत अच्छी चीजों का प्रतीक है जबकि काली मारबत बुरी संस्कृति का प्रतीक है. शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में पोले के उत्साह के चलते विविध सामग्रियों से बाजार सज गए हैं. बाजार में येसण, चावले, मटाटी, घुंघरु, झूलन, बाशिंग, तोड़े, मोरपंख, ताशे, झिलमिल की बिक्री खूब हुई।
पोला उत्सव शांतिपूर्ण ढंग से मनाने के लिए पुलिस प्रशासन ने भी पुख्ता बंदोबस्त किया है। जिले में आला अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जिले में सुरक्षा के लिए 1 सहायक पुलिस अधीक्षक, 1 अपर पुलिस अधीक्षक, 1 डीवाईएसपी 4, पुलिस निरीक्षकः 14, सहायक पुलिस निरीक्षकः 14, पुलिस उपनिरीक्षक 60, पुलिस अमलदार 850, गृह रक्षक पुरुष 600, गृह रक्षक महिला 100, आरसीपी दल 2, क्यूआरटी दल 1, एसआरपी दल 1 को तैनात किया गया है।
654 जगहों पर रहेगी नंदी पोले की धूम
जिले में बड़े पोले के दूसरे दिन नंदी पोला धूमधाम से मनाया जाता है। बच्चे लकड़ी के नंदी बैलों को सजाकर विभिन्न वेशभूषा धारण करते हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नंदी पोला बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। वर्धा शहर में 1, रामनगर में 4, सावंगी मेघे में 39, सेवाग्राम में 4, सेलू में 60, सिंदी में 31, दहेगांव में 24, पुलगांव में 65, देवली में 64, अल्लीपुर में 42, खरांगणा में 68, आर्वी में 49, कारंजा में 66, आष्टी में 42, तलेगांव में 31, हिंगणघाट में 69, वडनेर में 56, गिरड में 10, समुद्रपुर में 75 स्थानों पर नंदी पोला मनाया जाएगा।