- 28 दिवसीय 'जीरो बाय 2030' अभियान
नागपुर।
शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनसे संबंधित बिमारियों से नागरिक परेशान है। खासकर कुत्तों में होने वाली रेबीज की बीमारी भयावह है। ऐसे में रविवार से 28 दिवसीय कुत्ता 'रेबीज वैक्सीनेशन अभियान' (Rabies vaccination campaign) शुरू किया गया। इस अभियान के अंतर्गत शहर में 20 हजार कुत्तों का वैक्सीनेशन करना लक्ष्य है। एनसीआरपी 'जीरो बाय 2030' के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के तहत शहर में आवारा कुत्तों को मुफ्त रेबीज वैक्सीनेशन दिया जाएगा। यह पहल मिशन रेबीज और नागपुर महानगर पालिका के संयुक्त सहयोग से 'रेबीज मुक्त नागपुर' बैनर के तहत कार्यान्वित की जा रही है। क्रिएशन पीपल्स एंड एनिमल वेलफेयर सोसाइटी नागपुर एक सामाजिक सेवा संगठन ऑन-ग्राउंड अभियान का नेतृत्व करेगा। इस गतिविधि में नागपुर कॉलेज के छात्र और पशु प्रेमी भाग लेंगे। डब्ल्यूवीएस, मिशन रेबीज और होप शहर में अधिक से अधिक आवारा कुत्तों का वैक्सीनेशन करेंगे। ऐसे संगठनों ने कुत्तों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें जुटाई हैं।
समर्थन की अपील
रेबीज के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जहां कुत्तों की संख्या अधिक है। इसके अनुसार वार्ड नंबर 15, 16, 17, 18, 19, 35, 36, 37 और 38 में वैक्सीनेशन किया जाएगा। इसके बाद 27, 28, 29, 30, 31, 32 और 34 के बीच वैक्सीनेशन किया जाएगा। डॉ. शशिकांत जाधव ने कहा, 'रेबीज फ्री नागपुर अभियान कार्यक्रम के तहत गोवा और मुंबई जैसे प्रयासों के अनुरूप व्यापक 'जीरो बाय 2030' पहल की दिशा में एक और कदम है। नागपुर शहर के निवासियों को जागरूकता पैदा करके और अपने समुदायों को रेबीज वैक्सीनेशन के महत्व के बारे में सूचित करके अभियान का समर्थन करने की अपील की जाती है।'
मनपा को तकनीकी मार्गदर्शन
रेबीज एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। 2013 में गोवा में स्थापित मिशन रेबीज, कुत्तों में रेबीज को खत्म करने के प्रयासों में सबसे आगे है। मिशन रेबीज एक अनुसंधान संचालित 'वन हेल्थ' दृष्टिकोण का उपयोग करता है, जो कुत्ते के वैक्सीनेशन अभियानों के साथ-साथ सामाजिक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करता है और प्रभावी रेबीज नियंत्रण कार्यक्रमों को लागू करने के लिए सरकार और दान का समर्थन करता है। भारत में, मिशन रेबीज गोवा सरकार और पशुपालन विभाग, मुंबई में बृहन्मुंबई महानगरपालिका, बैंगलोर में बृहत बैंगलोर महानगरपालिका और केरल में पशुपालन विभाग सहित कई राज्य सरकारों और नगर पालिकाओं को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने पांडिचेरी और असम में पशु चिकित्सा महाविद्यालयों को प्रयोगशाला सहायता की पेशकश की है।
2030 तक खतरे को खत्म करना लक्ष्य
रेबीज 100 प्रतिशत रोकथाम योग्य बीमारी है, फिर भी यह लोगों और जानवरों को मार देती है। हमारा लक्ष्य 2030 तक इस खतरे को खत्म करना है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमारे चल रहे वैक्सीनेशन अभियान महत्वपूर्ण हैं।
- डॉ. शशिकांत जाधव, डब्ल्यूवीएस-मिशन रेबीज के विशेष संचालन निदेशक