अकोला :
अकोला में आज से गणेश विसर्जन की धूमधाम शुरू हो गई है। शहर के सबसे प्रतिष्ठित और मान्य "बाराभाई गणपति" की पूजा का आयोजन सांसद अनुप धोत्रे, जिलाधिकारी अजित कुंभार, जिला पुलिस अधीक्षक बच्चनसिंह, जिला परिषद अध्यक्ष संगीता अढाऊ, विधायक वसंत खंडेलवाल और गुलाबराव गावंडे सहित अन्य मान्यवरों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। पूजा के बाद गणपति विसर्जन की मिरवणुकी की औपचारिक शुरुआत की गई।
बाराभाई गणपति को अकोला में एक विशेष मान्यता प्राप्त है। यह गणपति मूर्ति शालू मिट्टी से बनी हुई है, और 12 विभिन्न जातियों के लोगों द्वारा मिलकर स्थापित की गई थी। विसर्जन के समय हर जाति को विशेष सम्मान दिया जाता है, जिसमें मूर्ति उठाने से लेकर ढोल बजाने और झंडा उठाने तक का कार्य शामिल है। इस प्रकार यह मिरवणुकी का एक सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक बनता है।
बाराभाई गणपति की एक विशेषता यह भी है कि इस मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जाता है। यह मूर्ति केवल गणेश उत्सव के दौरान ही दर्शन के लिए बाहर निकाली जाती है, और इसके बाद इसे विसर्जित नहीं किया जाता। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसे श्रद्धालुओं द्वारा विशेष आदर के साथ निभाया जाता है।
इस अवसर पर बाराभाई गणपति मंडल के अध्यक्ष राहुल इंगळे ने बताया कि मिरवणुकी की परंपरा कई वर्षों से चलती आ रही है और इस गणपति को शहर में एक विशेष स्थान प्राप्त है। उन्होंने कहा, "यह हमारे सभी जातीय और सामाजिक एकता का प्रतीक है।"