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नागपुर।
प्रशासन और प्राधिकरण से कोई भी काम कराने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करनेवाले ठग सवा साल बाद आर्थिक अपराध शाखा के हत्थे चढ़ा हैं। पुलिस ने अहमदाबाद में दबिश देकर उसे पकड़ा है। आरोपी मुंबई निवासी किशोरकुमार सुंदरलाल लल्ला है। लल्ला बेहर शातिर दिमाग है। वह प्रशासन, डीआरटी कोर्ट जैसे विभागों में गहरी पैठ होने का झांसा देता है। खुद को बिचौलिया बताकर डीआरटी के माध्यम से विवादित संपत्ति बेहद कम दाम में दिलाने अथवा शराब की दुकान का लाइसेंस दिलाने जैसे झांसे देता है। इसी कड़ी में उद्यमी पदम घई उसके संपर्क में आए. लल्ला ने घई को भी उनका काम कराने का झांसा दिया। उसने घई से १ करोड़ ८६ लाख रुपए ऐंठ लिए। इस ठगी में लल्ला की महिला मित्र शाहीन एजाज हुसैन और भाई उमेश लल्ला भी लिप्त थे। ठगी का पता चलने पर घई ने शिकायत दर्ज कराई।
जांच के बाद पुलिस ने लल्ला, उसके भाई उमेश और शाहिन के खिलाफ मामला दर्ज किया। लल्ला के भाई को चार दिन पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया। उल्लेखनीय है कि उसकी महिला मित्र भी पहले से गिरफ्तार हो चुकी थी।
पांच शहरों में भेजी गई थी टीमें
ठगी का सूत्रधार लल्ला के फरार होने से पुलिस कई शहरों की खाक छान रही थी। वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता था। भाई से पूछताछ और तकनीकी जांच के आधार पर पांच शहरों में टीमें भेजी गई। अहमदाबाद में वह पुलिस के हाथ लग गया। उसे अदालत में पेश करके ६ दिनों की हिरासत में लिया गया है। लल्ला ने कई शहरों में लोगों को शिकार बनाया है। वह संपन्न और प्रशासन में काम करने के इच्छुक लोगों से संपर्क करता है। उनसे नकदी रुपए लेता है। घई ने ऑनलाइन रुपए भेजे थे। इसीलिए शिकायत दर्ज कराई। लल्ला द्वारा कई व्यापारियों को शिकार बनाए जाने का पता चला है। उसके खिलाफ चेक बाउंस के दर्जनों प्रकरण लंबित हैं। यह कार्रवाई डीसीपी अर्चित चांडक के मार्गदर्शन में पीआई पांडूरंग फाडे, कर्मचारी संतोष राठौड़, सुषमा जांभुलकर, राघोजी चिलगर, रोहित मटाले, प्रशांत भोयर तथा विलास इंगले ने की।