फिरोजपुर के ट्रिपल मर्डर केस में बड़ा खुलासा! दिलदीप मुख्य निशाना, दो की अनजाने में मौत

    10-Sep-2024
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ferozepur triple murder case
(Image Source : Internet)

फिरोजपुर : सिंतबर की शुरुआत में हुए ट्रिपल मर्डर केस में बड़ा खुलासा हुआ है। 3 सितंबर को दोपहर करीब 12:50 बजे फिरोजपुर के कंबोज नगर में गुरुद्वारा श्री अकालगढ़ साहिब के पास एक कार में जा रहे दिलदीप सिंह, अनमोलप्रीत सिंह, जसप्रीत कौर, आकाशदीप, और हरप्रीत उर्फ जोंटी पर छह अज्ञात लोगों ने गोलीबारी की। इस हमले में दिलदीप सिंह उर्फ लल्ली, आकाशदीप, और उनकी बहन जसप्रीत कौर की मौत हो गई। अनमोलप्रीत और हरप्रीत घायल हो गए और उनका इलाज चल रहा है। पंजाब पुलिस ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद से छह शूटर्स को गिरफ्तार किया है, जो फिरोजपुर के ट्रिपल मर्डर केस में शामिल थे। जांच में पता चला है कि हमलावरों का मुख्य निशाना दिलदीप सिंह था, लेकिन गोलीबारी में दो अन्य लोग, एक छोटी लड़की समेत, अनजाने में मारे गए।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान तरनतारन के गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी बाबा, फिरोजपुर के प्रिंस, रविंदर सिंह उर्फ रवि उर्फ सुखू, सुखचैन सिंह, अक्षय उर्फ बगीचा, और राजबीर सिंह उर्फ दलेर सिंह के रूप में हुई है। पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ), फिरोजपुर जिला पुलिस, केंद्रीय एजेंसियां, और महाराष्ट्र पुलिस ने मिलकर इन आरोपियों को औरंगाबाद में पकड़ा। एआईजी गुरमीत चौहान, एआईजी संदीप गोयल, और एसएसपी सौम्या मिश्रा ने बताया कि सभी छह गिरफ्तार आरोपियों को फिरोजपुर लाया गया है। आगे की पूछताछ के लिए पुलिस उन्हें अदालत में पेश करेगी और रिमांड की मांग करेगी। शुरुआती जांच के अनुसार, दिलदीप सिंह, बुवनेश चोपड़ा उर्फ आशीष, और हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी मल के बीच निजी दुश्मनी के चलते हत्या की गई। दिलदीप सिंह का पहले भी क्रिमिनल हिस्ट्री रही है। मुख्य आरोपी बुवनेश चोपड़ा उर्फ आशीष के समर्पण की कोशिश की जा रही है।

ऑपरेशन डेजर्ट के तहत आईजी गुरमीत चौहान ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य घटनास्थल से सुराग जुटाना और मृतकों की पृष्ठभूमि जानना था। इस तकनीकी जांच के बाद, काउंटर इंटेलिजेंस और फिरोजपुर पुलिस ने आरोपी दलजीत सिंह को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दलजीत ने बताया कि उसे पीड़ितों की निगरानी करने और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने का काम सौंपा गया था। आगे की जांच के दौरान, एजीटीएफ ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखी। 6 और 7 सितंबर की रात 3 बजे, एडीजीपी एजीटीएफ प्रमोद बान ने केंद्रीय एजेंसियों और महाराष्ट्र पुलिस के साथ जानकारी साझा की, जिसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।