ब्लैकमेलिंग करने वाले पत्रकारों में मचा हड़कंप

30 Aug 2024 19:55:02
- आरटीओ दलाल से ८०,००० लेते रंगेहाथ पकड़ा गया पत्रकार सुनील हजारी
- कम समय में कमाई करोड़ों की संपत्ति !

Bribe(Image Source : Internet/ Representative) 
नागपुर।
शहर में गुरुवार को उस समय खलबली मच गई जब एक वरिष्ठ पत्रकार को सदर पुलिस ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरटीओ में चल रहे घोटाले में अखबार में नाम नहीं उछालने के बदले में ८० हजार रुपये लेते हुए पुलिस ने एक हिन्दी दैनिक में शहर संपादक पद पर तैनात राहुल रेजीडेंसी, गणेशपेठ निवासी सुनील हजारी को दबोचा। इससे एक दिन पहले ही उस दलाल से हजारी एक लाख रुपये नकद हजम कर चुका था। बाबा दीपसिंहनगर निवासी धनराज उर्फ टीटू साधुराम शर्मा (५५) की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की। इस कार्रवाई से शहर में सक्रिय तमाम ब्लैकमेलिंग में लगे पत्रकारों में हड़कंप मच गया है जबकि ईमानदारी से कार्य करने वाले दांतों तले उंगली दबा रहे हैं। सुनील हजारी महज ७-८ वर्ष पूर्व ही शहर में आया था और एक हिन्दी दैनिक से जुड़ा था। बताते हैं कि ब्लैकमेलिंग के जरिये उसने बेहद कम समय में करोड़ों की संपत्ति जमा कर ली। हाल ही उसने राहुल रेजीडेंसी में एक रो हाउस भी खरीदा जिसकी कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये बताई जाती है।
 
ट्रांसपोर्टर भी लिप्त
बाजार में यह चर्चा गर्म है कि सुनील हजारी को आरटीओ में हुए गोलमाल की जानकारी शहर के ही एक विख्यात ट्रांसपोर्टर ने दी। दोनों ने योजना बनाई और हजारी ने सीरीज चलाकर वसूली करना शुरू कर दिया। कुछ अन्य ट्रांसपोर्टर का भी शिकार किए जाने की चर्चा है।
 
४ अन्य दलालों से वसूली !
सूत्रों ने बताया कि टीटू शर्मा के अलावा हजारी ने कुछ अन्य आरटीओ दलालों से भी लाखों रुपये की वसूली की। संभावना है कि हजारी के पकड़े जाने के बाद ये दलाल भी पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जिन दलालों से वसूली हुई उनमें गुप्ता, शंभु, जणू का समावेश होने की जानकारी है।
 
रो हाउस, फ्लैट, कार भी है!
बताते हैं कि मूलतः इंदौर का रहने वाला हजारी लोन की किश्त ६० हजार से अधिक चुकाता है जबकि उसका वेतन भी लगभग इतना ही है। ऐसे में किस बैंक ने किस आधार पर उसे लोन दिया यह भी चर्चा का विषय है। इसके अलावा उसके पास फ्लैट, कार तथा अन्य संपत्ति भी होने की जानकारी मिली है। धनराज उर्फ टीटू शर्मा आरटीओ में दलाल है। अरुणाचल प्रदेश से चोरी हुए ट्रकों को नागपुर लाया गया था। यहां ट्रकों के चेचिस नंबर बदलकर आरटीओ दलालों और अधिकारियों की मदद से फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। इस मामले को सुनील हजारी ने अपनी कलम से खूब उछाला। बताते हैं कि पंकज मेहाडिया मामला भी उसने जमकर उछालकर लंबी वसूली शहर के धनकुबेरों से की। इसके अलावा वह अन्य कई विवादित मामलों में घुसकर जमकर वसूली करता था। यही कारण है कि उसने कम समय में काफी अधिक संपत्ति अपने नाम कर ली। हजारी ने उत्तर नागपुर के ट्रांसपोर्टर और दलालों को अखबार में नाम छापने की धमकी दी। एक ट्रांसपोर्टर ने शर्मा के जरिए अपना काम करवाया था। इसकी जानकारी मिलते ही हजारी ने उनसे संपर्क किया। शमां ने निवेदन किया कि उनकी बच्ची की शादी होनी है और अखबार में नाम छपने से बदनामी होगी। हजारी ने नाम नहीं छापने के एवज में बतौर रिश्वत १० लाख रुपये की मांग की। बाद में ७ लाख रुपये लेना स्वीकार किया। बुधवार को शर्मा ने मेडिकल चौक पर हजारी को १ लाख रुपये दिए। दूसरी किश्त के लिए बीसीए स्टेडियम परिसर में स्थित आइस्क्रीम पार्लर में मिलने बुलाया। शर्मा ने पुलिस से शिकायत की और हजारी को रंगेहाथ पकड़ने की योजना बनी। जैसे ही हजारी ने शर्मा से ८०,००० रुपये लेकर जेब में रखे, पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया। पुलिस को देखते ही हजारी ने जेब में रखे रुपये जमीन पर फेंक दिए तथा वे रुपये अपने नहीं होने की दलील देने लगा लेकिन सारा वाकया पहले ही सीसीटीवी में कैद हो चुका था।
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