किसानों के 'अच्छे' और आम आदमी के आए 'बुरे दिन!' बाजार में टमाटर के दाम 80 प्रति किलो तक पहुंचे

06 Jul 2024 18:39:40
- पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश और भूस्खलन के बाद आपूर्ति बाधित
 
Tomato prices in market reached 80 rs per kg
(Image Source : Internet/ Representative) 
 
अकोला :
टमाटर किसानों को फिलहाल अच्छे दिन चल रहे है. दरअसल, विदर्भ के बाजार में टमाटर की कीमत में बड़ा इजाफा हुआ है. इस समय टमाटर की कीमत 80 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है. इस बीच आने वाले दिनों में टमाटर की कीमत और बढ़ने की आशंका है.

रेट बढ़ने से किसानों को मिला फायदा
इस समय टमाटर की कीमत बढ़ती जा रही है. ऐसे में रेट बढ़ने का सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है. आलू-प्याज के बाद अब टमाटर की कीमत बढ़ती जा रही है. इस बीच इस बढ़ती दर से आम आदमी की जेब पर भार पड़ रहा है.
 
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक क्या है टमाटर की कीमत?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक टमाटर की कीमत में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 3 जुलाई को टमाटर की दैनिक औसत खुदरा कीमतें 55 रुपये प्रति किलोग्राम थीं. जो एक महीने पहले 35 रुपये प्रति किलो था.
 
क्यों बढ़ रही है टमाटर की कीमत?
टमाटर की कीमतों में अचानक आई तेजी के लिए भारी बारिश को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. मॉनसून की दस्तक के बाद पिछले कई दिनों से देशभर में भारी बारिश हो रही है. इसके चलते कई राज्यों में टमाटर की सप्लाई बाधित हो गई है. हिमाचल प्रदेश में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. खराब सड़क नेटवर्क के कारण हिमाचल प्रदेश से कई खुदरा बाजारों में टमाटर की आपूर्ति बंद हो गई है। इसके चलते रेट बढ़ रहा है.
 
भारी बारिश से टमाटर की फसल को भी नुकसान
हिमाचल प्रदेश भारत के प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में से एक है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने हिमाचल प्रदेश में 7 जुलाई तक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. मौसम विभाग ने पहाड़ी राज्य में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की भी आशंका जताई है. इसका सीधा असर सड़क नेटवर्क और यातायात पर पड़ सकता है. वहीं भारी बारिश के कारण टमाटर की फसल को भी नुकसान हो सकता है. इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में टमाटर की कीमतें और बढ़ने की संभावना है. हर साल बरसात के मौसम में टमाटर की कीमत बढ़ जाती है. पिछले साल हालात और खराब हो गए और टमाटर की कीमत 350 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई. इसके बाद सरकार ने सहकारी समितियों की मदद से कई शहरों में रियायती दामों पर टमाटर बेचना शुरू किया.
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