पीएम केयर्स सिर्फ दिखावा! मिशन इंद्रधनुष के तहत बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने भाजपा पर किया हमला

    17-Jul-2024
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Kharge
 (Image Source : Internet)
 
नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'मिशन इंद्रधनुष' कार्यक्रम के तहत वैक्सीनेशन करने में कथित विफलता के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 'पीएम केयर्स' सिर्फ दिखावे के लिए है। इसे 'बड़ा पाप' बताते हुए, राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि 2023 में 16 लाख बच्चों को डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस (डीटीपी) और खसरे के वैक्सीन नहीं दिए गए। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कोविड महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की सहायता के लिए लगभग आधे आवेदनों को पीएम केयर्स फंड ने "बिना कोई कारण बताए" खारिज कर दिया।
 
केंद्र सरकार वैक्सीनेशन की नींव को बर्बाद कर रही
मिशन इंद्रधनुष केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नेतृत्व में एक प्रमुख नियमित वैक्सीनेशन अभियान है। 2014 में शुरू की गई यह योजना यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि नियमित वैक्सीनेशन सेवाएं उन बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक पहुंचें जो पहले वैक्सीनेशन कार्यक्रमों से चूक गए थे या उनसे बाहर हो गए थे। एक्स पर एक पोस्ट में, खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार कांग्रेस पार्टी द्वारा रखी गई वैक्सीनेशन में भारत की मजबूत नींव को 'बर्बाद' कर रही है। कांग्रेस नेता ने एक्स पर लिखा, "मोदी सरकार ने लाखों बच्चों का वैक्सीनेशन न करके बहुत बड़ा पाप किया है। वैक्सीनेशन की उपेक्षा का मतलब है बहुमूल्य जीवन की हानि।
 
 

बच्चों की देखभाल नहीं होगी तो कैसे होगा विकसित भारत?
कांग्रेस पार्टी द्वारा वैक्सीनेशन में भारत की मजबूत नींव के लाभ को मोदी सरकार ने बेशर्मी से बर्बाद कर दिया है, क्योंकि 16 लाख बच्चों को 2023 में डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस (डीटीपी) और खसरे के प्रमुख वैक्सीन नहीं दिए गए हैं, जिससे 2022 में मिलने वाले लाभ खत्म हो गए हैं। इतना ही नहीं, मीडिया रिपोर्ट द्वारा उजागर की गई कोविड अनाथ बच्चों के प्रति घोर उदासीनता और घोर तिरस्कार से पता चलता है कि ऐसे बच्चों को सहायता के लिए लगभग 50% आवेदन पीएम केयर्स फंड द्वारा बिना कोई कारण बताए खारिज कर दिए गए। पीएम मोदी पर सवाल उठाते हुए खड़गे ने कहा, 'अगर हमारे बच्चों की देखभाल नहीं की जाएगी तो हम 'विकसित भारत' कैसे सुनिश्चित करेंगे? वास्तव में पीएम केयर्स केवल दिखावे के लिए है।'

भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कार्यक्रम
1985 में शुरू किया गया भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कार्यक्रम है, जो हर साल 2.7 करोड़ (27 मिलियन) बच्चों के जन्म समूह को पूरा करता है। मिशन इंद्रधनुष (MI) को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने 25 दिसंबर, 2014 को लॉन्च किया था। इस योजना का उद्देश्य उन सभी बच्चों को शामिल करना है जो या तो वैक्सीनेटेड नहीं हैं या जिन्हें वैक्सीन से रोके जा सकने वाली बीमारियों के खिलाफ आंशिक रूप से वैक्सीन लगाया गया है। भारत का सार्वभौमिक वैक्सीनेशन कार्यक्रम (UIP) हर साल 26 मिलियन बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों के खिलाफ मुफ्त वैक्सीन प्रदान करता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, सार्वभौमिक वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत देश भर के सभी बच्चों को टीबी, डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, निमोनिया और हेमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप बी (एचआईबी) के कारण होने वाले मेनिनजाइटिस, खसरा, रूबेला, जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और रोटावायरस डायरिया से बचाने के लिए जीवन रक्षक टीके निःशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं।