राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने बागी नेताओं पर कार्रवाई की; आठ पदाधिकारी पार्टी से निलंबित

09 Nov 2024 18:12:50

Nationalist Congress Party took action against rebel leaders
(Image Source : Internet/ Representative)
 
अकोला :
अकोला में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार गुट ने अनुशासनहीनता के आरोप में बागी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। पार्टी ने अकोला ग्रामीण के जिलाध्यक्ष कृष्णा अंधारे समेत आठ पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया है। पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने स्पष्ट किया कि इन पदाधिकारियों ने पार्टी की छवि खराब करने और अनुशासन का उल्लंघन करने की कोशिश की है।
 
तटकरे ने बताया कि पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ खड़े होकर इन बागियों ने न केवल महायुती सरकार की छवि को खराब करने का प्रयास किया बल्कि जानबूझकर पार्टी की नीतियों और शिष्टाचार का उल्लंघन किया। इसके चलते अंधारे सहित अन्य पदाधिकारियों को तुरंत निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है। निलंबित नेताओं में प्रदेश उपाध्यक्ष बापू भेगडे, अकोला ग्रामीण जिलाध्यक्ष कृष्णा अंधारे, नांदेड़ जिलाध्यक्ष विश्वंभर पवार, महिला जिलाध्यक्ष पूजा व्यवहारे, पूर्व जिला परिषद सदस्य ज्ञानेश्वर भामरे, दहिसर तालुका अध्यक्ष ममता शर्मा, तुमसर तालुका अध्यक्ष धनेंद्र तुरकर, और प्रदेश सचिव आनंद सिंघीकर शामिल हैं।
 
कृष्णा अंधारे, जिन्होंने बाळापुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है, ने महायुती के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ बगावत की। इस क्षेत्र में भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट और राष्ट्रवादी अजित पवार गुट ने अपने-अपने दावे किए थे, लेकिन अंततः यह सीट शिवसेना शिंदे गुट को दी गई। शिवसेना शिंदे गुट ने भाजपा से आए उम्मीदवार बलीराम सिरस्कार को टिकट दिया है, जबकि अंधारे की निर्दलीय उम्मीदवारी महायुती के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। इस विवाद को देखते हुए पार्टी ने अंधारे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और अब उनके स्थान पर नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की संभावना जताई जा रही है।
 
बाळापुर में कांटे की टक्कर
बाळापुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने जा रहा है। यहां शिवसेना ठाकरे गुट के नितीन देशमुख, वंचित आघाडी के नातिकोद्दीन खतीब, और शिवसेना शिंदे गुट के बलीराम सिरस्कार के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कृष्णा अंधारे की बगावत से वोटों का बंटवारा हो सकता है, जिससे महायुती और महाविकास आघाड़ी दोनों को नुकसान हो सकता है।
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