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नागपुर।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule) की मुश्किलें बढ़ने वाली खबर सामने आई है। मां श्री महालक्ष्मी जगदंबा ट्रस्ट पांच हेक्टर सरकारी भूमि को आवंटन मामले में दर्ज शिकायत का लोकायुक्त ने स्वतः संज्ञान लिया है। लोकायुक्त ने जिला कलेक्टर और राजस्व सचिव को नोटिस जारी कर तीन जनवरी 2025 तक मामले की विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। इसी के साथ लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता किशन चौधरी को भी उसकी जानकारी दे दी है। ज्ञात हो कि, पिछले साल नवंबर राज्य सरकार द्वारा बवनकुले की अध्यक्षता वाले महालक्ष्मी जगदंबा ट्रस्ट को पांच हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई थी। 'प्रत्यक्ष आवंटन' के लिए दायर आवेदन के अनुसरण में यह भूमि नर्सिंग कॉलेज, जूनियर कॉलेज, विज्ञान-कला-वाणिज्य कॉलेज और कौशल विकास केंद्रों के निर्माण के लिए आवंटित की गई है।
इस आवंटन को में नियमों का उल्लंघन बताते हुए वकील किशन चौधरी ने बवनकुले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। समाचार पत्र में छपी का हवाला देते हुए चौधरी ने दावा किया कि बावनकुले के ट्रस्ट को भूमि का टुकड़ा आवंटित करने का प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अचानक रखा गया, जबकि यह दिन के एजेंडे में नहीं था। शिकायत में कहा गया है, "वित्त विभाग के अनुसार, ट्रस्ट न तो कोई प्रतिष्ठित संस्थान है, न ही उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इसका लंबा अनुभव है, इसलिए यह आवंटन के योग्य नहीं है. विभिन्न सरकारी विभागों और अधिकारियों की नकारात्मक रिपोर्ट के बावजूद कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना श्री महालक्ष्मी जगदंबा संस्थान को भूमि आवंटित कर दी गई." इसी के साथ शिकायतकर्ता ने जमीन को निजी संस्थानों को बेचने का आरोप भी लगाया।
मामले को देखते लोकायुक्त ने खुद स्वतः संज्ञान लिया है। लोकायुक्त पूर्व न्यायाधीश विद्यासागर रानाडे ने अक्टूबर महीने में मामले की रिपोर्ट तलब की थी। इसी के साथ लोकायुक्त ने नागपुर जिला कलेक्टर और राजस्व सचिव को पांच जनवरी 2025 तक अपनी रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। विधानसभा चुनाव के बीच लोकायुक्त के आदेश ने बावनकुले सहित सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। विपक्ष इस मुद्दे पर बवनकुले को घेर सकता है।