राहुल गांधी ने साधा संघ एवं भाजपा पर निशाना

    06-Nov-2024
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- सुरेश भट्ट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हुए कांग्रेस कार्यकर्ता
- उपराजधानी से की चुनाव प्रचार की शुरुआत

Rahul Gandhi  
नागपुर।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने महाराष्ट्र में नागपुर से चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की। दीक्षा भूमि में बाबा साहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने 'संविधान सम्मान सम्मेलन' को संबोधित किया। अपने पहले चुनावी भाषण में राहुल एक बार फिर संविधान की प्रति के साथ नजर आए और लोकसभा चुनाव वाले फॉर्मूले को आजमाया। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस संविधान और आरक्षण जैसे मुद्दों पर लड़ेगी।
 
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान से ही सरकार की अलग-अलग संस्थाएं बनती हैं। अगर संविधान नहीं होता तो इलेक्शन कमीशन भी नहीं बनता। संविधान से हिंदुस्तान का एजुकेशन सिस्टम बना है। अगर ये हट गया तो आपको एक पब्लिक स्कूल, पब्लिक अस्पताल, पब्लिक कॉलेज नहीं मिलेगा। बीजेपी पर हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि जब आरएसएस और बीजेपी के लोग संविधानपर आक्रमण करते हैं, तो वे हिंदुस्तान की आवाज़ पर आक्रमण कर रहे हैं।
 
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके को चुना
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में चुनाव अभियान के आगाज के लिए महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके को चुना, जहां की 35 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इस इलाके में 10 साल बाद जबर्दस्त सफलता मिली थी। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने संविधान और आरक्षण को मुद्दा बनाया था। इस कारण पार्टी को मराठा वोट के साथ मुस्लिम और दलित वोटरों का साथ मिला था। विदर्भ इलाका 2014 के बाद से ही कांग्रेस का गढ़ रहा, मगर 2014 में बीजेपी ने इस इलाके में गहरी पैठ बना ली।
 
विदर्भ की 62 सीटों में से 15 सीटों पर बीजेपी को हुआ था नुकसान
पिछले चुनाव में बीजेपी को विदर्भ की 62 सीटों में 29 पर सफलता मिली थी मगर उसे 15 सीटों का नुकसान हुआ था। तब उसकी सहयोगी रही शिवसेना को सिर्फ चार सीट मिली थी। कांग्रेस को विदर्भ में 15 सीटें मिली थीं और उसे पांच सीटों का फायदा हुआ था। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 29 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी, जबकि उसकी सहयोगी एनसीपी (एसपी) को 5 और उद्धव सेना को 15 सीटों पर लीड मिली थी। लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के अनुसार महायुति को सिर्फ 19 सीटों पर बढ़त मिलती नजर आई।