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वर्धा : विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आर्वी विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवारों के नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसी के साथ ही अब आरोप-प्रत्यारोप और दावों का सिलसिला भी तेज हो गया है। आर्वी सीट पर भाजपा की उम्मीदवारी को लेकर जो चर्चा हुई थी, अब वह कांग्रेस खेमे में आरोपों और खुलासों में बदल गई है। खासदार अमर काळे ने अपनी पत्नी मयुरा काळे के लिए राष्ट्रवादी शरद पवार पार्टी से टिकट सुनिश्चित किया है, जिस पर विरोधियों ने आरोप लगाए हैं।
हाल ही में एक स्थानीय चैनल पर बात करते हुए अमर काळे ने इन आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मयुरा काळे ने किसी भी पार्टी में नामांकन के लिए आवेदन नहीं किया था। पार्टी ने खुद मुझसे आग्रह किया कि मुझे ही चुनाव लड़ना चाहिए। यह फैसला मेरे लिए मजबूरी का था। हमारी टक्कर सुमित वानखेडे या दादाराव केचे से नहीं है, बल्कि सीधी लड़ाई देवेंद्र फडणवीस से है। ‘नॉट रिचेबल’ का आरोप भी निराधार है। मैं हमेशा उपलब्ध रहता हूं, और चुनाव के बाद मुलाकातों के लिए योजना तैयार की जाएगी।”
घराणेशाही के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अमर काळे ने कहा, “अगर मेरे ऊपर घराणेशाही का आरोप है, तो फिर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मामले में क्या कहेंगे?” उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं, बल्कि नीतियों को लेकर है। अमर काळे ने यह भी बताया कि विरोधियों का कहना है कि वानखेडे, फडणवीस के प्रभाव में आकर आर्वी, कारंजा, और आष्टी तालुका में कई महत्वपूर्ण कार्य करने में सफल रहे हैं, और इसी वजह से उनकी लोकप्रियता बढ़ी है।
भाजपा नेताओं का मानना है कि यदि जनहित के कार्य हो रहे हैं तो इसमें गलत क्या है। इसी तरह, मौजूदा विधायक दादाराव केचे को भविष्य में सुरक्षित स्थान देने का आश्वासन मिलने के बाद वानखेडे को टिकट पक्का किया गया। अमर काळे का कहना है कि उनकी लड़ाई फडणवीस के प्रभाव से है। हालांकि, यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि खुद शरद पवार की मदद से टिकट लाने वाले अमर काळे अब सत्ता के प्रभाव से आए उम्मीदवारों की आलोचना कर रहे हैं।
गौरतलब है कि अमर काळे के परिवार का राजनीति में खासा प्रभाव रहा है, और लोकसभा चुनाव के समय शरद पवार खुद उनके नामांकन रैली में शामिल हुए थे, जिससे कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में उनकी पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है।