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यरुशलम : इजरायल इस समय हिज़्बुल्लाह और हमास जैसे आतंकवादी संगठनों के हमलों का सामना कर रहा है, क्योंकि देश 7 अक्टूबर के उस हमले की पहली बरसी मना रहा है, जिसमें हजारों लोग मारे गए, घायल हुए और सैकड़ों को बंधक बना लिया गया था।
इजरायल रक्षा बल (IDF) ने ट्वीटर पर पोस्ट करते हुए बताया कि 8 अक्टूबर को एक साल पूरा हो गया है, जब हिज़्बुल्लाह ने क्षेत्र को एक बहु-मोर्चे वाले युद्ध में खींच लिया और इजरायली नागरिकों पर लगातार हमले शुरू किए। इसके अलावा, कल रात तेल अवीव और गैलीली समेत इजरायल के प्रमुख शहरों में रॉकेट हमलों के चलते सायरन बजने लगे, और हाइफ़ा जैसे शहरों में भी भारी तबाही देखी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, हुसैनी हिज़्बुल्लाह की महत्वपूर्ण परियोजनाओं के बजट और रसद प्रबंधन के प्रभारी थे, जिसमें संगठन की युद्ध योजनाएं और अन्य विशेष ऑपरेशन शामिल थे, जिनका उद्देश्य लेबनान और सीरिया से इजरायल के खिलाफ हमलों का समन्वय करना था।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, हम आतंकवादी हमलों में मारे गए अपने नागरिकों और IDF के शहीद नायकों की यादों को हमेशा संजो कर रखेंगे। जब तक हमारे दुश्मन हमारे अस्तित्व और हमारी शांति के लिए खतरा बने रहेंगे, हम लड़ते रहेंगे। जब तक हमारे बंधक गाजा में हैं, हम लड़ते रहेंगे और उनमें से किसी को भी पीछे नहीं छोड़ेंगे। जब तक हमारे नागरिक सुरक्षित रूप से अपने घरों को वापस नहीं लौट आते, हम एकजुट होकर लड़ेंगे और जीतेंगे।
इस वर्षगांठ पर दुनियाभर से शोक संदेश आए हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने इसे यहूदी लोगों के लिए होलोकॉस्ट के बाद का सबसे घातक दिन कहा। उन्होंने इजरायल को अमेरिका के अटूट समर्थन का वादा करते हुए कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगी कि हमास कभी गाजा पर शासन न कर सके और इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी सभी साधन प्राप्त कर सके।