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महाराष्ट्र :
विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। महायुति और महाविकास आघाड़ी दोनों गठबंधनों के बीच सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब कई निर्वाचन क्षेत्रों में नाराज मतदाताओं की भूमिका पर सभी की निगाहें टिकी हैं। इस संदर्भ में, माहीम निर्वाचन क्षेत्र को लेकर देवेंद्र फडणवीस की भूमिका चर्चा का विषय बन गई है।
माहीम निर्वाचन क्षेत्र में वर्तमान स्थिति यह है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के पुत्र अमित ठाकरे ने नामांकन पत्र भरा है। उनके खिलाफ महाविकास आघाड़ी से शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के महेश सावंत ने भी नामांकन भरा है। हालांकि, सबसे अधिक चर्चा सदा सरवणकर की हो रही है। वर्तमान विधायक सदा सरवणकर इस क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ने के लिए पूरी तैयारी में हैं, लेकिन अमित ठाकरे की उम्मीदवारी ने स्थिति को बदल दिया है।
राज ठाकरे ने एक तरफ महायुती से अमित ठाकरे के खिलाफ उम्मीदवार न देने की मांग की है, वहीं दूसरी तरफ सदा सरवणकर अपनी उम्मीदवारी को लेकर अड़े हुए हैं। इससे शिवसेना (एकनाथ शिंदे) को बड़ा झटका लग सकता है। अमित ठाकरे के लिए भी यह उनकी पहली चुनावी परीक्षा हो सकती है। इस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी है।
देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया
फडणवीस ने मीडिया से बातचीत करते हुए माहीम निर्वाचन क्षेत्र और अमित ठाकरे की उम्मीदवारी पर कहा, "मुख्यमंत्रियों की भी इस बात पर सहमति थी कि वहां उम्मीदवार नहीं देना चाहिए। लेकिन उन्हें कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके दल का ऐसा मानना था कि वहां के वोट उद्धव ठाकरे के पास जाएंगे। इसलिए उन्होंने वहां उम्मीदवार खड़ा किया है। लेकिन हमारी पहले से यह स्थिति थी कि राज ठाकरे ने इस एक सीट पर समर्थन मांगा है, तो हमें वह देना चाहिए। हमारा यह मत कल भी था और आज भी है। सदा सरवणकर के बारे में हम बैठक कर तय करेंगे।" फडणवीस ने यह भी कहा, "सभी दलों में बगावत का अनुपात बढ़ा है। इसलिए हम अधिक से अधिक बागियों को अपने पक्ष में लाने का प्रयास करेंगे। कुछ क्षेत्रों में मित्र दलों के उम्मीदवारों के बीच मैत्रीपूर्ण मुकाबले भी देखने को मिलेंगे।" इस प्रकार, माहिम में स्थिति और भी जटिल होती जा रही है।