बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए ७ जरूरी टीके

    29-Oct-2024
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 (Image Source : Internet/ Representative)
नागपुर।
भारत में एक साल से कम उम्र के बच्चों में टीकाकरण (Vaccination) का कवरेज अच्छा है, लेकिन एक साल की उम्र के बाद टीकाकरण कवरेज में गिरावट आने लगती है। इस कारण से देश में बहुत से बच्चों का आंशिक टीकाकरण ही होकर रह जाता है। १ बच्चों को उनके पहले जन्मदिन के बाद भी कुछ महत्वपूर्ण टीके लगवाना जरूरी है, जिससे कुछ गंभीर वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिसीज के खिलाफ उनकी इम्यूनिटी मजबूत हो और उन्हें खुश एवं स्वस्थ भविष्य मिल सके।
 
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) ने १ से २ साल की उम्र के बच्चों के लिए ७ जरूरी टीकाकरण की सिफारिश की हैः चिकनपॉक्स एवं हेपेटाइटिस ए की दी डोज, मेर्निजाइटिस और एमएमआर की दूसरी डोज, पीसीवी एवं डीटीपी एचआईबी आईपीवी की बूस्टर डोज और फ्लू की सालाना डोज। ये ७ जरूरी टीके बच्चों को चिकनपॉक्स, हेपेटाइटिस ए. हेपेटाइटिस बी, मेर्निजाइटिस, मीजल्स, मम्प्स, स्वेला, न्यूमोनिया, इन्फ्लूएंजा, डिप्थीरिया, टिटनस, परट्यूसिस, पोलियो और एचआईवी इन्फेक्शन जैसी १४ बीमारियों से बचा सकते हैं। इन महत्वपूर्ण टीकों की जरूरत पर कलर्स नागपुर के डायरेक्टर एवं कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन एवं नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. विनोद गांधी ने कहा, हर माता-पिता को अपने बच्चों को १ से २ साल की उम्र में टीका लगवाकर ऐसी बीमारियों से बचाना चाहिए, जिनसे टीकाकरण के माध्यम से बचाव (वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिसीज) संभव है।