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नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सोमवार सुबह से 349 पर पहुंच गया, जिसे बहुत खराब श्रेणी में रखा गया है। प्रदूषण की वजह से राजधानी के कई हिस्सों में लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। कॉलेज छात्र कुशल चौधरी ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण के कारण उन्हें कॉलेज जाते समय सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध होने के बावजूद करवा चौथ पर काफी पटाखे जलाए गए, जिससे प्रदूषण और बढ़ा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के शकूरपुर इलाके में AQI 346, इंडिया गेट के पास 309 और सफदरजंग में 307 दर्ज किया गया, जो सभी बहुत खराब श्रेणी में आते हैं।
इसके अलावा, यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण नदी में जहरीला झाग तैरता हुआ देखा गया। पर्यावरणविद् विमलेंदु झा ने इसे दिल्ली के पर्यावरण शासन का उपहास बताया और कहा कि यमुना में गिरने वाले 17 नालों के कारण दिल्ली का खुद का प्रदूषण मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी ने कहा कि यमुना में झाग का कारण अनुपचारित अपशिष्ट जल में डिटर्जेंट और अन्य प्रदूषक होते हैं, जो नदी को और जहरीला बना रहे हैं। शोध से पता चला है कि यह प्रदूषण शहरी क्षेत्रों में वायु और पानी में मिलकर वायु प्रदूषण को और बढ़ा सकता है, जैसा कि यमुना नदी के आसपास देखा जा रहा है।