भीषण आर्थिक संकट से जूझ रही नागपुर महानगरपालिका

17 Oct 2024 16:03:52
 
NMC
 (Image Source : Internet)
नागपुर।
आगामी चुनावों के लिए 15 अक्टूबर से लागू चुनाव आचार संहिता के कारण, नागपुर नगर निगम एक बड़े वित्त संकट (Financial crisis) से जूझ रहा है, जिससे राज्य द्वारा वित्त पोषित महत्वपूर्ण परियोजनाओं के पूरा होने पर खतरा मंडरा रहा है। इस वर्ष के आरंभ में की गई बड़ी घोषणाओं के बावजूद, एनएमसी को अभी तक राज्य सरकार से पर्याप्त धनराशि प्राप्त नहीं हुई है, जिससे वित्तीय देनदारियों और परियोजना में देरी को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
 
आम विधानसभा चुनावों से पहले 204 करोड़ रुपये की लागत से मंजूर किए गए बाढ़ रोकथाम कार्य एनएमसी की मुख्य चिंताओं में से एक है। लेकिन राज्य सरकार ने इसे रोक लिया। इस काम के लिए अब तक अब तक नगर निगम को केवल 14.51 करोड़ रुपये ही मिले हैं, जिससे नाग नदी और पीली नदी के 8.41 किलोमीटर के किनारे क्षतिग्रस्त रिटेनिंग दीवारों के पुनर्निर्माण सहित अधिकांश आवश्यक परियोजनाओं को पर्याप्त धन नहीं मिल पाया है, जबकि ये कार्य लगभग पूरे होने की कगार पर हैं।
 
नागपुर महानगरपालिका लगातार जिला कलेक्ट्रेट के माध्यम से इस मुद्दे को आगे बढ़ा रहा है, लेकिन निधियों को सुरक्षित करने के उनके प्रयास असफल रहे हैं। चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण, राज्य कीनिधियां मिलने में और देरी होने की संभावना है। ऐसे में एनएमसी को डर है कि चुनावों के बाद होने वाले नगर निगम चुनावों में आचार संहिता प्रतिबंधों का एक और दौर शुरू हो जाएगा, जिससे स्थिति और जटिल हो जाएगी।
 
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए वादा किए गए 200 करोड़ रुपये में से केवल 10% ही प्राप्त हुआ है। इसी तरह, पूर्व और दक्षिण नागपुर निर्वाचन क्षेत्रों में, जहां 300 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे, एनएमसी को अभी तक धनराशि नहीं मिली है।
 
बढ़ते वित्तीय दायित्वों और तत्काल समाधान की कोई संभावना न होने के कारण, एनएमसी अपने आपको निकाय चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद और भी अधिक देरी के लिए तैयार कर रही है।
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