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अमरावती : अमरावती की कांग्रेस विधायक सुलभा खोडके को पार्टी-विरोधी गतिविधियों के आरोप में कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के बाद पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वह दो-तीन दिनों में अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगी।
सुलभा खोडके ने बताया कि 2014 में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया था। उन्हें सोनिया गांधी ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने का अवसर दिया, जिसके बाद उन्होंने बडनेरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। 2019 में कांग्रेस ने उन्हें अमरावती से फिर से चुनाव लड़ने का मौका दिया, जिसमें वे विजयी रहीं और उन्होंने 20,000 वोटों के अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी को पराजित किया। उन्होंने सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त किया है और कहा कि वह हमेशा से कांग्रेस के लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति वफादार रही हैं।
हाल ही में सुलभा खोडके ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के नेताओं पर अपमान का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला अमरावती आए, तब उन्हें एक विधायक के रूप में सम्मान नहीं दिया गया। स्थानीय नेताओं द्वारा उनका कई बार अपमान भी किया गया है। इस वजह से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि सुलभा खोडके जल्द ही अजित पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकती हैं।
रविवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार की उपस्थिति में अमरावती में संत गाडगेबाबा समाधी मंदिर प्रांगण में जनसम्मान यात्रा का आयोजन किया गया था, जिसमें सुलभा खोडके की भागीदारी की उम्मीद की जा रही थी। हालांकि, बाबा सिद्दीकी की हत्या के चलते इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था।