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अकोला : अकोट तहसील में एक मंडल अधिकारी पर पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। यह मामला तब सामने आया जब शिकायतकर्ता ने अकोला के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (एसीबी) को शिकायत दर्ज कराई। दरअसल, शिकायतकर्ता को सामाईक खेती पर हक छोड़ने के लिए एक लेख बनाने की अनुमति प्राप्त करनी थी। इस प्रक्रिया में अकोट तहसीलदार के पक्ष में एक अनुकूल रिपोर्ट दाखिल करने के बदले मंडल अधिकारी संतोष निंबोलकर ने पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी।
शिकायतकर्ता ने 31 जुलाई को एसीबी अकोला यूनिट को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। 2 अगस्त को की गई एसीबी की जांच में यह पाया गया कि मंडल अधिकारी ने तड़जोड के बाद चार हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। शिकायत की सत्यता की पुष्टि के बाद, शिकायतकर्ता और अधिकारी के बीच एक मीटिंग तय की गई, जो अकोट के गजानन नगर में स्थित कार्यालय में होनी थी। हालांकि, शिकायतकर्ता की हरकतों पर संदेह होने के कारण आरोपी अधिकारी ने रिश्वत स्वीकार नहीं की।
इस मामले में अकोट शहर पुलिस स्टेशन में मंडल अधिकारी संतोष निंबोलकर (उम्र 54), निवासी अकोलखेड, गयाधाम, वॉर्ड क्रमांक 2, समन्वय नगर, खामगांव, जिला बुलढाणा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया। यह कार्रवाई एसीबी के उप-अधीक्षक मिलिंद बहाकर के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक सचिन सावंत और उनकी टीम द्वारा की गई, जिसमें अंमलदार प्रदीप गावंडे, डिगांबर जाधव, श्रीकृष्ण पळसपगार, अभय बावस्कर और संदीप ताले शामिल थे।