प्राण-प्रतिष्ठा के दिन रितिक को मिला फल! एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हुआ नाम; 1101 टैटू बनाने वाले पहले आर्टिस्ट बने

23 Jan 2024 16:29:42
 
Rithik Darode Name registered in Asia and India Book of Records
 
 
नागपुर :
जहां एक ओर अयोध्या में राम भगवान विराजमान हुए वहीं पुरे विश्व में राममय वातावरण हो गया। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी देखने को मिला। सभी ने अपने तरीके से राम के प्रति भक्ति दिखाई। ऐसे में नागपुर के टेलीफोन एक्सचेंज में रहने वाले रितिक राजेंद्र दरोडे ने भी भक्ति का अनूठा उदाहरण पेश किया। रितिक ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 'जय श्री राम' के 1001 एक फ्री टैटू बनाये। भगवान राम के प्रति दिखी इस निस्वार्थ भक्ति का फल रितिक को मिल गया है। उसका नाम एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो गया है। यह उपलब्धि हासिल करने वाले रितिक देश और एशिया के पहले भारतीय है। इसकी आधिकारिक घोषणा एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स के राष्ट्रीय पर्यवेक्षक डॉ. मनोज तातवाड़ी ने की। उन्होंने का कि 2025 के इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में रितिक का नाम छपकर आएगा।
 
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रितिक डायनामिक टैटू एंड आर्ट्स नाम से एक शॉप चलाते है। जहां वह विभिन्न प्रकार के टैटू बनाते है। रितिक ने सोचा कि राम भगवान के प्रति श्रद्धा दिखाने और प्राण-प्रतिष्ठा में अपना योगदान देने का यही मौका है। रितिक ने फिर तय किया कि वह 'जय श्री राम' के 1001 टैटू बनाएगा और इसकी शुरुआत उसने 2 जनवरी से की। फिर क्या था 2 जनवरी से 22 जनवरी तक रितिक ने 1001 नहीं बल्कि 1101 टैटू बनाकर एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स की उपलब्धि हासिल कर ली।
 
इस रिकॉर्ड की जांच करने वाले डॉ. मनोज तातवाड़ी ने बताया कि रितिक ऐसा रिकॉर्ड बनाने वाले पहले युवा है। अब तक किसी ने ऐसा रिकॉर्ड नहीं बनाया है। उन्होंने कहा, 'हमने जो रितिक को टारगेट दिया था उसने उससे कई ज्यादा यानी 1101 'जय श्री राम' के टैटू बनाकर यह रिकॉर्ड हासिल कर लिया है। रितिक ने टैटू बनाते समय सर्टिफाइड इंक का इस्तेमाल किया, प्रत्येक टैटू के लिए नीडल चेंज की और नियमों का पालन किया।' उन्होंने आगे कहा कि किसी भी तरह की अनियमितता या त्रुटि नहीं थी जिसके कारण कोई भी एंट्री इनवैलिड हो या नॉन काउंटेबल हो। डॉ. मनोज तातवाड़ी ने इंडिया और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में रितिक का स्वागत किया।

दोस्त और परिवार को दिया श्रेय
अपनी इस कामयाबी के लिए रितिक ने अपने दोस्तों और परिवार को श्रेय दिया। रितिक ने कहा मैंने कभी नहीं सोचा था कि एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में मेरा नाम दर्ज होगा। इसकी प्रक्रिया में शामिल होने और इसे पूरा करने के लिए मेरे दोस्तों ने काफी मदद की है। इसमें परिवार का भी साथ मिला।
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