रायपुर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) रायपुर ने शनिवार को राज्य में कंजंक्टिवाइटिस से संक्रमित मरीज़ों के नमूनों में एंटरोवायरस पाए जाने की पृष्टि की गई है। वायरस रिसर्च एंड डायग्रोस्टिक (VRD) प्रयोगशाला को वायरल कंजंक्टिवाइटिस के 30 संदिग्ध नमूने सौपें गए।
रियल टाइम PCR ऐसे ने नमूनों का परीक्षण एडिनोवायरस, एंटरोवायरस, वेरीसेल्ला जोस्टर वायरस और हर्पेक्स सिम्पलेक्स वायरस के लिए किया। परीक्षण में एंटरोवायरस के लिए 84% (21/25) सकारात्मकता दिखाई दी, और एक नमूने में हेप्रेक्स सिम्पलेक्स वायरस 2 और एंटरोवायरस के साथ सह संक्रमण था।
30 नमूनों में से, 26 छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से है, जिनमे रायपुर (15), बिलासपुर और दुर्ग (3), बलौदा बाजार (2) और जशपुर, महासमुंद और अन्य जिलों से से एक-एक है।
नेत्र रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर,डॉ. विजय साहू के मुताबिक़, एडेनोवायरस की तुलना में एंटेरोवायसरस ज्यादा आक्रामक होते है। इस बात की अधिक संभावना है कि यदि मरीज़ को एडेनोवायरस की तुलना में मानव एंटेरोवायरस है तो उसे दूसरी आंख में भी संक्रमण हो जाएगा। हालांकि घबराने की कोई ज़रुरत नहीं है, क्योंकि इसका कॉर्निया और या आंखों की रौशनी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। एंटीबायोटिक ऑय ड्राप और नियमित सफाई की मदद से साथ दिनों के भीतर इसका इलाज किया जा सकता है।