नागपुर :
आंचल गोयल (Aanchal Goyal) को महिला एवं बाल विकास विभाग, महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, यूनिसेफ, कम्यूटेड कम्युनिटीज डेवलपमेंट ट्रस्ट (सीसीडीटी), होप चिल्ड्रेन इंडिया, पुणे के सहयोग से मुंबई के यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान सभागार में "बालस्नेही" पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी सफलता के पश्चात् उन्हें नागपुर में सम्मानित किया गया। परभणी की तत्कालीन जिलाधिकारी और वर्तमान में नागपुर महानगरपालिका के अतिरिक्त आयुक्त आंचल गोयल को बच्चों के सर्वांगीण विकास, बाल अधिकार संरक्षण, उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और बच्चों के अधिकारों के लिए उत्कृष्ट कलेक्टर की श्रेणी में गणमान्य व्यक्तियों द्वारा बालस्नेही पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
साथ ही नागपुर में महिला आयोग की सदस्य आभा पांडे और संभागीय महिला एवं बाल विकास विभाग की उपायुक्त अर्पणा कोल्हे की उपस्थिति में आंचल गोयल का अभिनंदन किया गया।इस अवसर पर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी आरती मानकर, कानूनी सलाहकार आदि धनकुटे, जिला समन्वयक अनिल रेवतकर, संरक्षण अधिकारी माहुरे उपस्थित थे।
मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलास सत्यार्थी, महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष एडवोकेट सुशीबेन शाह, महिला एवं बाल विकास आयुक्त डॉ प्रशांत नारनवारे, विशेष पुलिस महानिरीक्षक (महिला एवं अत्याचार) दीपक पांडे उपस्थित थे, महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य सचिव शिवराज पाटिल, बचपन बचाव आंदोलन की निदेशक संपूर्ण बेहरा, यूनिसेफ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजलक्ष्मी नायर, कैरोलिन होप फॉर चिल्ड्रेन इंडिया के वाल्टन, महिला एवं बाल विकास उपायुक्त राहुल मोरे मौजूद थे।
चूंकि परभणी जिले में बाल विवाह की दर सबसे अधिक 46 प्रतिशत है, इसलिए गोयल ने बाल विवाह मुक्त परभणी अभियान शुरू किया। एक वर्ष में लगभग दो सौ बाल विवाह सफलतापूर्वक रोके गए। जब वे कलेक्टर थीं, तब उन्होंने प्रत्येक तालुका की किशोरियों से बातचीत करके कानून के प्रावधानों के बारे में जन जागरूकता भी पैदा की। प्रत्येक गांव में सरपंच की अध्यक्षता में ग्राम बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया। इस कार्य पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने अंचल गोयल और परभणी जिले की पूरी महिला एवं बाल विकास टीम को सम्मानित किया गया।