नागपुर: सोमवार को विभिन्न मुद्दों और मांगों को लेकर नागपुर में शीतकालीन सत्र के पहले दिन की शुरुआत हुई। पहले ही दिन शहर में 6 संगठनों ने भव्य मोर्चा निकाला। यह मोर्चा विदर्भ राज्य आंदोलन समिति, आशा व गटप्रवर्तक कर्मचारी युनियन शहर विकास मंच लोकाधिकार परिषद, विदर्भ शाहीर कलाकार परिषद, धनगर समाज और अन्य संगठनों द्वारा निकाला गया। सभी संगठनों ने अपनी मांगों की तख्ती मोर्चे के दौरान लगा रखी थी। इस दौरान पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त भी देखने को मिला। जीरो माइल्स से लेकर आदिवासी गोवारी समाज मार्ग और विधानभवन की ओर जाने वाले प्रत्येक रास्ते पर सख्त तैनाती थी। (Nagpur Winter Assembly)
बता दे, सोमवार से शुरू हुए शीतकालीन सत्र (Nagpur Winter Assembly) में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मिलाकर 54 मंत्रियों का समावेश है। नेताओं की भारी संख्या को मद्देनजर रखते हुए 7 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। यह पहला मौका होगा जब सत्ता परिवर्तन और कोविड-19 महामारी के बाद शीतकालीन सत्र का आयोजन बड़े स्तर पर किया जा रहा है। शीतकालीन सत्र के दौरान अब तक तकरीबन 70 मोर्चों को अनुमति दी गई है। इस सत्र का समापन 30 दिसंबर को होगा।
शहर के चारों हिस्सों से आने वाले मोर्चे की पृष्ठभूमि में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यातायात व्यवस्था प्रभावित न हो इसके लिए विशेष एहतियात बरते गए हैं। पुलिस ने मोर्चा करने वालों पर नजर रखने और सुरक्षा प्रदान करने के लिए सीसीटीवी लगाए हैं। इसके अलावा चौराहों पर लगे कैमरों की नजर भी प्रदर्शनकारियों पर है। इसके साथ ही ड्रोन, कैमरे, हेलमेट कैमरे से मोर्चा करने वालों पर नजर रखी जा रही है। हमेशा की तरह एक मोर्चे के साथ तीन पुलिसकर्मियों की टीम तैनात की गई है। यह टीम मोर्चे के शुरुआती बिंदु से उनके निर्धारित स्थान तक साथ देगी। (Nagpur Winter Assembly)
आज के संगठनों की मांग?
धनगर समाज मोर्चा:
धनगर एक ऐसा समुदाय है जो चरवाहे, भैंस रखने वाले, कंबल और ऊन के बुनकर के रूप में पहचाना जाता है। न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि भारत में भी बड़े पैमाने पर, और एक समृद्ध इतिहास है, आज वे राजनीतिक रूप से अत्यधिक अव्यवस्थित समुदाय हैं। अपने इसी अस्तिव्त की लड़ाई वह कई समय से करता आ रहा है।
चरवाहों के बच्चों के लिए छात्रावास व अन्य मांगों को लेकर धनगर समाज युवा मल्हार सेना का मोर्चे सोमवार 11 बजे धंतोली के यशवंत स्टेडियम से निकला जिसे टेकड़ी रोड पर रोका गया।
आशा व गटप्रवर्तक कर्मचारी
अपनी न्यूनतम मजदूरी की मुख्य मांग को लेकर आशा और गटप्रवर्तक कर्मचारी यूनियन का मोर्चा भी सुबह 11 बजे धंतोली के यशवंत स्टेडियम से निकला जिसे भी टेकड़ी रोड पर रोक लिया गया।
आशा व गटप्रवर्तक कर्मचारी की मांग है कि सरकारी स्वास्थ्य प्रबंधन में स्थायी रूप से कोविड योद्धाओं को शामिल करें, कोविड योद्धाओं को कोविड अलाउंस और ग्रेच्युटी ग्रांट करें साथ ही सभी कोविड योद्धाओं को कोविड सेवा का मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र दिया जाए। (Nagpur Winter Assembly)
विदर्भ राज्य आंदोलन समिति
विदर्भ राज्य आंदोलन समिति द्वारा दोपहर 1 बजे यशवंत स्टेडियम से भव्य मार्च निकाला गया। मार्च पंचशील चौक, झांसी रानी चौक, वैरायटी चौक होते हुए विधान भवन की ओर बढ़ा लेकिन इस आंदोलन को जीरो माइल्स पर रोक लिया गया। इस आंदोलन को जय विदर्भ पार्टी, खोरीप, विदर्भ माजा, नाग विदर्भ आंदोलन समिति, जांबुवंतराव धोटे विखा मंच, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय जनसुराज्य पार्टी, कुनबी बहुजन स्वराज्य पार्टी, भीम आर्मी संरक्षक दल और अन्य दलों ने समर्थन किया है।
अलग विदर्भ राज्य के तत्काल निर्माण, बिजली दरों में वृद्धि को वापस लेने, अनाज से GST हटाने, कृषि पंपों के दैनिक लोडशेडिंग को रोकने, विदर्भ के 11 जिलों में सूखे की घोषणा आदि जैसी विभिन्न मांगें की गई। (Nagpur Winter Assembly)
विदर्भ शाहीर कलाकार परिषद
विदर्भ शहर कलाकार परिषद कन्हान व लोककला सेवा मंडल (ऑल इंडिया) NGO इनके द्वारा यशवंत स्टेडियम से शाहीर कलाकारों का भव्य मोर्चा निकाला गया। इन्हें भी टेकड़ी रोड पर पुलिस द्वारा रोका गया।
शाहीर कलावंत समाज में बेहद ईमानदार और अनुशासित हैं और वह मनोरंजन के जरिए अपनी कला से समाज को रोशन कर रहे हैं। हमारे संतों ने भी इस कला के माध्यम से जागरूकता फैलाई थी और समाज को रोशन किया है। संतों द्वारा छोड़ी गई विरासत को आगे बढ़ाने के लिए शाहीर के कलाकार लगातार काम कर रहे हैं। ऐसा करते समय कलाकार को किसी बात की परवाह नहीं होती है। वे दिन-रात अपनी कला के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हैं और उन्हें अनैतिक परंपराओं से दूर करके एक अच्छी और आदर्श विचारधारा को विकसित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। (Nagpur Winter Assembly)
शाहीर कलाकारों ने अपने प्राणों की आहुति देकर कला के माध्यम से लोगों को स्वतंत्रता की शिक्षा दी है। इन कलाकारों की कुर्बानी पर पूरा महाराष्ट्र खड़ा है। लेकिन आज कलाकार का कोई अभिभावक नहीं है और आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। परिवार का भरण-पोषण कैसे किया जाए, यह बेहद कठिन सवाल लगातार कलाकारों को सता रहा है। उनके बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। कलाकारों के बच्चों को मनचाहा रोजगार नहीं मिल पा रहा है। कलाकार के घर के चूल्हे रोज जलते नहीं देखे जा रहे हैं और इसी वजह से ये कलाकार अपने गायन को हथियार बना अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आये हैं। (Nagpur Winter Assembly)
उनकी मांगें इस प्रकार है:
- वरिष्ठ कलाकारों का मानदेय बढ़ाया जाए।( ए श्रेणी- 13,000/-, बी श्रेणी- 10,000/-, सी श्रेणी- 7000/-)
- जिला पारिश्रमिक समिति में वार्षिक रूप से 100 प्रकरणों को मंजूरी दी जाती है वह 300 से 400 की जानी चाहिए।
- जिला पारिश्रमिक समिति की बैठक साल में दो बार होनी चाहिए।
- कलाकारों को सरकार द्वारा पांच लाख का निःशुल्क बीमा दिया जाना चाहिए।
- सरकारी सेवकों की भर्ती में कलाकारों के बच्चों को 5 प्रतिशत आरक्षण।
- वरिष्ठ कलाकारों को पारिश्रमिक देने के लिए उम्र की आवश्यकता में पूरी तरह से छूट दी जानी चाहिए।
- अन्य योजनाओं की तरह घरकुल योजना भी कलाकारों पर लागू की जाए।
- लोक कलाकारों को स्वास्थ्य देखभाल निःशुल्क प्रदान की जानी चाहिए।
- आय सीमा को 50,000/- से बढ़ाकर 2,00,000/- किया जाना चाहिए।
- तालुका स्तर पर सांस्कृतिक भवन का निर्माण किया जाए।
- कलाकारों को एसटी (महाराष्ट्र राज्य परिवहन) और रेलवे सेवा निःशुल्क दी जानी चाहिए।
- सब्सिडी-पैकेज में खड़ी, गम्मत, दंडार, नाटक, गोंधळ, डहाका, संगीत नाटक, नौटंकी कलाकारों को शामिल किया जाना चाहिए।
- कलाकारों को सरकार द्वारा पहचान पत्र दिया जाए।
- स्कूली शिक्षा शाहीर कलाकारों द्वारा लोक कलाओं को जीवित रखने के लिए किए गए कार्यों का हिस्सा है पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
- साथ ही प्रतियोगी परीक्षा से शाहीर कलाकारों से संबंधित कुछ चुनिंदा प्रश्न पूछे जाने चाहिए।
बाहरी इलाके से लेकर तक की गतिविधियां पूर्व नियोजित
करीब दो साल बाद नागपुर में शीतकालीन सत्र (Nagpur Winter Assembly) हो रहा है। हालांकि यह सत्र आज से शुरू हुआ है लेकिन रविवार को ही कई मंत्री और विधायक नागपुर पहुंच गए थे। विभिन्न विभागों के पदाधिकारी और नेताओं के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में नागपुर पहुंच गए हैं। मुंबई, पुणे से कई वीआईपी, वीवीआईपी विमान और लग्जरी निजी वाहनों से यहां आये हैं। लेकिन खानदेश, मराठवाड़ा और विदर्भ से कई वीआईपी ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ ट्रेन से नागपुर में प्रवेश किया है। लिहाजा रेलवे स्टेशन पर वीआईपी मूमेंट बढ़ गया है। अगले दो सप्ताह तक यह बढ़ना जारी रहेगा।
ऐसे में सरकार के समक्ष अपनी जायज मांगों को रखने के लिए विभिन्न संगठनों के मोर्चे अधिवेशन में भी जाने वाले हैं। अतः संबंधित संस्थाओं के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता (प्रदर्शनकारी) बड़ी संख्या में नागपुर पहुंच गए है। ऐसे में अगर मोर्चे करने वाले और वीआईपी आने-जाने के दौरान आमने-सामने आ जाते हैं तो चिल्लाने, थप्पड़ मारने जैसी कोई अप्रिय घटना हो सकती है। ऐसा न हो, इसके लिए रेलवे स्टेशन के अंदर और बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। रेलवे स्टेशन पर पहुंचने से लेकर ट्रेन में चढ़ने और रेलवे स्टेशन पर बाहरी इलाके से उतरने से लेकर यहां से सुरक्षित निकास तक की गतिविधियां पूर्व नियोजित है।(Nagpur Winter Assembly)