श्री महाकालेश्वर मंदिर का भव्य लोकार्पण, जानें इस मंदिर की खासियत

    12-Oct-2022
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Shree Mahakaleshwar Temple Ujjain
(Image Crowd : Internet / Trip Advisor)
 
उज्जैन :
 
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित बाबा भोले के धाम "श्री महाकालेश्वर मंदिर" का भव्य लोकार्पण समारोह मंगलवार को संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा भोले नाथ की पूजा अर्चना कर जनसभा को संबोधित किया। अपने प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध उज्जैन बाबा भोलेनाथ की नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में विराजमान शिवलिंग भारत के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां देश के कोने-कोने से भक्त बाबा भोलेनाथ के दर्शन को आते हैं। इस मंदिर के विस्तारीकरण परियोजना शिलान्यास 2017 में हुआ था। 856 करोड़ रुपये की लागत से "श्री महाकालेश्वर मंदिर" का विस्तारीकरण किया गया है जो दो चरणों में संपन्न हुआ। मंदिर के पहले चरण का कार्य 'महाकाल लोक' 351 करोड़ रुपये में पूरा किया गया है | जबकि इसके दूसरे चरण का कार्य 2023 - 2024 तक पूरा किया जाना है।
 
 
"श्री महाकालेश्वर मंदिर" के लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को उज्जैन पहुंचे हैं। जहां सबसे पहले उन्होंने भोलेनाथ के दर्शन कर उनकी पूजा अर्चना की। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्तिक मेला ग्राउंड पर आयोजित जनसभा को संबोधित किया जिसमें मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, राज्य के मंत्री भूपेंद्र सिंह और मोहन यादव उपस्थित रहे। साथ ही अतिरिक्त मुख्य सेक्रेटरी (एसीएस), डॉ राजेश राजौरा, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, कल्चर शिव शेखर शुक्ला भी वहां मौजूद थे।

Shree Mahakaleshwar Temple Ujjain
 
भारत के पुरातत्व में क्यों खास है "श्री महाकालेश्वर मंदिर" का स्थान
 
"श्री महाकालेश्वर मंदिर" परिसर में बने कॉरिडोर का नाम 'श्री महाकाल लोक' रखा गया है | पहले चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर और महाकाल थीम पार्क का विकास और निर्माण किया गया है। महाकाल कॉरिडोर के अंतर्गत दो विशालकाय प्रवेश द्वार बनाये गए हैं जिनके नाम "नंदी द्वार"और "पिनाकी द्वार" हैं। ये प्रवेश द्वार "श्री महाकालेश्वर मंदिर" के प्रवेश तक पहुंचने का सीधा मार्ग है जो देश के सबसे बड़े कॉरिडोर में से एक है | पदयात्रियों के लिए महाकाल कॉरिडोर में 200 मीटर लंबा वॉक-वे बनाया गया है।
 

Shree Mahakaleshwar Temple Ujjain 
महाकाल पथ में कुल 108 स्तंभ (स्तंभ) हैं, जो भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप (नृत्य रूप) को दर्शाते हैं। महाकाल पथ पर भगवान शिव के जीवन को दर्शाने वाली कई धार्मिक मूर्तियां भी स्थापित हैं। इसकी ऊंचाई 25 फीट और लंबाई 500 मीटर है। जिसमें भगवान शिव और देवी शक्ति की करीब 200 मूर्तियां और विभिन्न धर्मों के चित्र होंगे। 2.5 हेक्टेयर में फैला प्लाजा क्षेत्र कमल तालाब से घिरा हुआ है और इसमें खूबसूरत फाउंटेन के साथ शिवजी की मूर्ति भी है।
 
श्री महाकालेश्वर मंदिर का इतिहास :
 
बता दें कि पृथ्वी के नौसेना बिंदु पर दक्षिण मुखी महाकाल स्थित है, जो अपनी तरह का एकमात्र ज्योतिर्लिंग है। इसलिए महाकालेश्वर की मूर्ति को दक्षिणामूर्ति के रूप में भी जाना जाता है। तांत्रिक परंपरा में इस तथ्य का विशेष महत्व है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एकमात्र महाकालेश्वर में पाई जाने वाले तांत्रिक परंपराओं द्वारा बरकरार एक अनूठी विशेषता है। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में ओंकारेश्वर शिव की मूर्ति का अभिषेक किया जाता है। गणेश, पार्वती और कार्तिकेय की प्रतिमाएं गर्भगृह के पश्चिम, उत्तर और पूर्व में विराजमान हैं। जबकि दक्षिण में नंदी की मूर्ति स्थापित है। वहीं, मंदिर की तीसरी मंजिल के द्वार नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए केवल नागपंचमी के दिन खोले जाते हैं। महाशिवरात्रि के दिन मंदिर के पास एक विशाल मेला लगता है।

Shree Mahakaleshwar Temple Ujjain 
मंदिर परिसर में भक्तों के लिए की गयी सुविधाएं :
  • हर एक प्रतिमा पर एक क्यूआर कोड होगा | उस क्यूआर कोड को अगर व्यक्ति स्कैन करे तो उसे मूर्ति या उस चित्र के बारें में पूरी जानकारी मिल जाएगी | 
  • सुविधा : आपातकालीन सुविधा, इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधा, सौर पैनलों के एकीकृत पार्किंग दुकानों और रहने की सुविधा |
  • सुरक्षा : पुरे मंदिर को जिसकी खास कैमरा के तहत 24 X 7 नियंत्रण कक्ष की निगरानी में रहेगा |
  • संरक्षा और सुरक्षा: एआई और निगरानी कैमरों केंद्र द्वारा परिसर की चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है |
  • विरासत का संरक्षण: उज्जैन के मुख्य क्षेत्र में मंदिरों के साथ विरासत संरचनाएं भी शामिल हैं जिन्हें बहाल किया गया है। परियोजना में रुद्रसागर झील का संरक्षण भी किया गया है |