बुलढाणा :
बुलढाणा जिले में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विवादित विधायक नितेश राणे के खिलाफ हजारों मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए। नितेश राणे के भड़काऊ बयान के विरोध में बुलढाणा में विशाल विरोध मार्च निकाला गया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी और राज्य में उनके सभी जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई। भारी बारिश के बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने बुलढाणा के जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर अपना विरोध जताया।
इंदिरा नगर क्षेत्र से शुरू हुआ यह मार्च मुस्लिम समुदाय का शक्ति प्रदर्शन साबित हुआ। बारिश की परवाह किए बिना हजारों की संख्या में लोग इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने "संविधान जिंदाबाद", "इंकलाब जिंदाबाद" और "नितेश राणे का विरोध" जैसे नारे लगाए। मार्च बुलढाणा बस स्टेशन, संगम चौक और जयस्तंभ चौक होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचा।
वक्ताओं ने की नितेश राणे की निंदा
जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचने के बाद, मार्च का रूप एक जनसभा में बदल गया। सभा को मन्सूर सहाब इमाम, सतीशचंद्र रोठे पाटील, हाफिज मुजाहिद साहब, और मौलाना मुजीब ने संबोधित किया। वक्ताओं ने नितेश राणे के बयानों की कड़ी निंदा करते हुए, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि नितेश राणे द्वारा दिए गए बयान देश की एकता को खतरे में डालने और दंगे भड़काने का प्रयास है।
सभा में यह भी मांग की गई कि नितेश राणे की सभाओं और रैलियों पर रोक लगाई जाए, क्योंकि उनके बयान सांप्रदायिक तनाव और हिंसा को बढ़ावा दे सकते हैं। अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो बुलढाणा जिले में हिंदू-मुस्लिम समुदाय की ओर से बंद का आह्वान किया जाएगा।
जिलाधिकारी को सौंपा गया ज्ञापन
विरोध मार्च के बाद, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के माध्यम से राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में नितेश राणे पर मस्जिद में घुसकर मारने की धमकी देने के मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राणे का यह बयान जानबूझकर हिंदू-मुस्लिम विवाद भड़काने के लिए दिया गया है।
इकबाल चौक में प्रतिमा दहन
इसके बाद, इकबाल चौक पर नितेश राणे की प्रतिमा को जूतों से पीटा गया और उसका दहन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने इस प्रतीकात्मक कार्रवाई के जरिए अपने आक्रोश को व्यक्त किया।