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नागपुर।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि मालवण के राजकोट किले पर स्थापित की गई शिवाजी प्रतिमा के लिए स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया होता तो वह नहीं गिरती। गडकरी के इस दावे का राकांपा मुखिया शरद पवार ने भी समर्थन किया है। गडकरी ने कहा कि पिछले 3 वर्षों से समुद्र के किनारे बनाए जाने वाले मार्ग व पुलों के लिए स्टेनलेस स्टील का उपयोग करने का प्रयास किया जा रहा है। समुद्र के खारे पानी के कारण प्रतिमा खराब हुई। वे जब मुंबई में थे, तब 55 उड़ान पुलों का निर्माण किया। पुल के निर्माण में उपयोग में लाई जाने वाली लोहे की सलाखों पर पावडर कोटिंग किया गया था।
इसके कारण सलाखों पर जंग नहीं लगती। इसके बावजूद सलाखों पर जंग लगा दिखाई दिया। इसी कारण समुद्र के तट से 3 किलोमीटर की दूरी तक होने वाले निर्माण कार्य में स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया जाना चाहिए। यदि मालवण की शिवाजी महाराज की प्रतिमा के लिए स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया होता तो वह प्रतिमा नहीं गिरती।
नितिन गडकरी के इस दावे का शरद पवार ने भी समर्थन करते हुए कहा कि गडकरी केंद्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं। उन्होंने कोई काम हाथ में लिया तो उसे मन लगाकर पूर्ण करते हैं। उस कार्य का बारीकी से अध्ययन करते हैं। कार्य का स्तर अच्छा रहे इसका ध्यान रखते हैं। देश के कई मार्गों का निर्माण उन्होंने अच्छे ढंग से किया है। हमने संसद में यह खुले मन से स्वीकार किया है। नितिन गडकरी ने शिवाजी प्रतिमा को लेकर जो बयान दिया है, उस बारे में निश्चित रूप से उन्होंने कोई अध्ययन किया होगा।