बलात्कार के बावजूद आरोपी अब भी आजाद हैं

    04-Sep-2024
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 (Image Source : Internet/ Representative)
 
नागपुर | 
नागपुर पश्चिम बंगाल और बदलापुर में बलात्कार के बाद महिला सुरक्षा का मुद्दा फिर से गरमा गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिलाओं के लिए सुरक्षित छवि वाली उपराजधानी में बच्चियां और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. इस साल के पहले सात महीनों में महिलाओं से बलात्कार और छेड़छाड़ की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी देखी गई है. सात महीनों में बलात्कार की 180 से अधिक घटनाएं दर्ज की गईं. इनमें से कई मामलों में आरोपी अभी भी फरार हैं.
 
इस साल जनवरी से जून तक नागपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की 159 घटनाएं सामने आईं. जुलाई में यह आंकड़ा 180 से ऊपर चला गया. प्रति माह दुराचार की औसत संख्या 26 के करीब रही. 2023 में एक साल के दौरान महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 263 मामले सामने आए. पहले छह महीनों में 131 घटनाएं हुईं यानी प्रति माह औसतन 21 घटनाएं हुई हैं. सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में आरोपी परिचित ही होते हैं. महिलाओं से दुष्कर्म के मामले में 122 लोगों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन 50 से ज्यादा मामलों में आरोपी अब भी फरार हैं. अक्सर महिलाएं शिकायत करने के बाद बदनामी के डर से शिकायत वापस ले लेती हैं. गिरफ्तारी में भी देरी होती है. कई बार मामले की तकनीकी खामियों की वजह से भी आरोपी निर्दोष छूट जाते हैं.
 
आठ माह में तीन सौ से अधिक छेड़छाड़ के मामले
पिछले वर्ष जनवरी से जून 2023 के बीच छेड़छाड़ की 506 घटनाएं दर्ज की गईं. इस वर्ष 300 छेड़‌छाड़ के मामले हुए.