- संविधान जागर यात्रा का नागपुर में स्वागत
नागपुर।
पूरे देश को एकजुट रखने की ताकत केवल भारतीय संविधान में है लेकिन कांग्रेसी अपने राजनीतिक अस्तित्व के लिए समय-समय पर संविधान खतरे में होने का बहाना करके आंबेडकरी लोगों को गुमराह करने का पाप करते हैं। संविधान जागर यात्रा (Samvidhan Jagar Yatra) उनके पाखंड पर कड़ा प्रहार होगा। संविधान जागर समिति के संयोजक एड. धर्मपाल मेश्राम ने यह विचार व्यक्त किये। वे कमाल चौक पर आयोजित एक जनसभा में बोल रहे थे। भारतीय संविधान के अमृत जयंती वर्ष के अवसर पर संविधान जागर समिति महाराष्ट्र राज्य भर में संविधान जागर यात्रा का आयोजन कर रही है। संविधान जागर यात्रा ९ अगस्त को चवदार तला से शुरू हुई जहां बाबासाहेब आंबेडकर ने सत्याग्रह किया था। यात्रा शुक्रवार को नागपुर शहर पहुंची।
उत्तर नागपुर के भीम चौक पर यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद बाबू हरदासजी आवले चौक पर भव्य सभा आयोजित की गयी। इस समय एड. मेश्राम बोल रहे थे। संविधान जागर समिति के संयोजक वाल्मीक निकालजे, विजयराव गव्हाले, योजना थोकले, राजेंद्र गायकवाड़, स्नेहा भालेराव, नागसेन पुंडके, संतोष गवली, अशोकराव गायकवाड़, पूर्व विधायक डॉ. मिलिंद माने, संदीप गवई, संदीप जाधव, डॉ. सुधाकर इंगले, सुभाष पारधी, उपस्थित थे। आगे बोलते हुए एड. धर्मपाल मेश्राम ने संविधान की गलत व्याख्या कर जनता को गुमराह करने के लिए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।
कांग्रेस को सिर्फ अपनी पीढ़ी के राजनीतिक भविष्य की चिंता है। इसलिए इंदिरा गांधी ने ४२वें संविधान में संशोधन किया और संविधान की प्रस्तावना बदल दी। इससे पहले पंडित नेहरू ने बाबा साहब को लोकसभा में पहुंचने से रोक दिया था। इस पूरे इतिहास को साक्षी मानकर, अब उनके ही उत्तराधिकारी संविधान को अपनी जेब में रखते हैं और 'संविधान खतरे में है' का नाटक करते हैं। देश के प्रधानमंत्री धर्मपाल मेश्राम ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से धारा ३७० हटाकर सही मायने में संविधान का सम्मान किया है। एड. धर्मपाल मेश्राम ने कहा कि लेटरल एंट्री के नाम पर देश पर कई फर्जी बातें थोपने का पाप भी कांग्रेस ने किया। उन्होंने नागपुर में एक पूर्व चार्टर्ड अधिकारी के गुमराह आंदोलन की भी याद दिलाई, जो उसी कांग्रेस से अलग हो गया था। लेकिन अब आंबेडकरी लोग समझदार हो गए हैं।
वह कांग्रेस के झूठे झांसों में नहीं फंसेगें। व्हाइट लोटस के विनोद वासनिक, संघमित्रा बुद्धिस्ट सोसायटी के राजेश नंदेश्वर, स्वाभिमान मल्टीपर्पज सोसायटी के राजू साल्वे, सहायुधा सोसायटी के रोशन तोसर, मनस्वी फाउंडेशन की राखी मानवटकर, प्रवेश सोशल इकोनॉमी फाउंडेशन के अमिताभ मेश्राम, लिंगायत चर्मकार समाज के विनोद अर्जापुरे, रमेश पदन लहु शक्ति सेना, संविधान निर्माण के किशोर बिहाडे, चर्मकार सेवा संघ के भैयासाहब बिधाने, अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के जयसिंग कला, लहु सेना के संजय कथाडे, एस.बी.एम. विकास सेवा संस्थान के सतीश सिरस्वान, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर सामाजिक विकास केंद्र, डॉ. बाबूजी फाउंडेशन के सुनील तुर्केल का सत्कार किया गया। इस अवसर पर बौद्ध महासभा के संदीप शिंदे, आनंद सायरे, बौद्ध महासभा के भीमराव खुसे, अरविंद बोरघटे, सनम कुमार गोंडाने का सत्कार किया गयाक्ष कार्यक्रम में नागसेन पुंडके, स्नेहा भालेराव, राजेंद्र गायकवाड, विजय गव्हाले, विजय गव्हाले, वाल्मीकि निकालजे ने अपने विचार व्यक्त किये। संचालन सतीश सिरसवान और योजना थोकड़े ने किया और धन्यवाद ज्ञापन मोहिनी रामटेके ने किया।