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हरियाणा : पंजाब की अधिकांश म्युनिसिपल काउंसिल का कार्यकाल दिसंबर 2022 में समाप्त हो चुका है, लेकिन चुनाव अब तक नहीं हुए हैं। एक अगस्त 2023 को चुनाव की अधिसूचना जारी की गई थी, जो एक नवंबर 2023 को होने थे, पर अब तक चुनाव नहीं कराए गए हैं। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पर पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए लोकल बॉडी विभाग के प्रधान सचिव से 23 सितंबर तक चुनाव में देरी का कारण और नई तिथि बताने को कहा है।
मालेरकोटला निवासी बेअंत सिंह ने जनरल (जनहित) याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट को बताया कि पंजाब की 42 म्युनिसिपल काउंसिलों का कार्यकाल कई महीनों से और कुछ का दो साल से अधिक समय पहले समाप्त हो चुका है। चुनाव न होने से अभी तक विकास और कामों को हरी झंडी नहीं मिली है।
कोर्ट को बताया गया कि एक अगस्त 2023 को स्थानीय निकाय विभाग ने म्युनिसिपल काउंसिल के चुनाव एक नवंबर 2023 को कराने की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन अब तक चुनाव नहीं हुए हैं। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने पांच जुलाई को सरकार को चुनाव कराने के लिए कानूनी नोटिस भेजा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अब उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव कराने के निर्देश की मांग की है, क्योंकि संविधान के अनुसार म्युनिसिपल काउंसिल के चुनाव उनकी अवधि खत्म होने से पहले होने चाहिए और सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और फगवाड़ा नगर निगम में भी अब तक चुनाव नहीं हुए है। वकील ने बताया कि नगर निगम चुनाव जनवरी 2023 में कराना अनिवार्य था, क्योंकि यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 249-यू और पंजाब नगर निगम अधिनियम की धारा सात के तहत जरूरी है। चुनाव नहीं कराकर, राज्य ने मतदाताओं को लगभग एक साल तक अपने स्थानीय प्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार नहीं दिया।