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अकोला :
सिंधुदुर्ग के राजकोट किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढह गई और इसके बाद राज्य में गुस्से की लहर दौड़ गई। इसके साथ ही विपक्ष ने भी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। इसी पृष्ठभूमि में एनसीपी अजित पवार गुट के विधायक अमोल मिटकरी ने भी मूर्तिकार जयदीप आप्टे की जांच की मांग की है।
अकोला में मीडिया से बात करते हुए अमोल मिटकरी ने कहा, आप्टे नाम के व्यक्ति के पास साधारण बिजनेस चलाने की सामान्य समझ नहीं है। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाने का ठेका उन्हें किसने और कैसे दिया, यह हास्यास्पद है। जयदीप आप्टे ने कैसे किया ये काम? जयदीप आप्टे को यह ठेका कैसे मिला? कौन मंत्री उनका समर्थन कर रहा है?, इसकी जांच होनी चाहिए। इसके लिए मैं गृह मंत्री से अनुरोध करता हूं कि जयदीप आप्टे जहां भी छिपा हो, उसे ढूंढा जाए।
अमोल मिटकरी ने आगे कहा, ऐसा कहा जाता है कि राजकोट किले पर 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के कारण मूर्ति गिर गई। लेकिन फिर मुंबई में राजभवन और वर्षा बंगले पर हवाएं एक ही गति से चलती हैं? फिर उन्होंने सवाल उठाया है कि वहां पतन क्यों नहीं हो रहा है।
इस बीच मालवण में ठाकरे गुट और बीजेपी नेता नारायण राणे और उनके समर्थकों के बीच रैली के बाद पुणे में भी ठाकरे गुट ने विरोध प्रदर्शन किया है। इस आंदोलन का नेतृत्व सुषमा अंधारे ने किया था। इस दौरान, ठाकरे समूह ने नारायण राणे की गिरफ्तारी की मांग की है।