नागपुर।
राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस (Devendra Fadnavis) ने एक उच्चस्तरीय बैठक में व्यापारियों से संबंधित मुद्दों को तत्काल सुलझाने की आवश्यकता को स्वीकार किया और विस्तृत विचार-विमर्श के बाद सभी मुद्दों को समयबद्ध तरीके से सुलझाने के लिए व्यापार प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों की एक संयुक्त समिति गठित करने का निर्देश दिया, जो 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट देगी।
महाराष्ट्र राज्य व्यापारी कृति समिति के प्रतिनिधिमंडल जिसमें चेम्बर ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र इंडस्ट्री एंड ट्रेड (केमिट) से अध्यक्ष डॉ. दीपेन अग्रवाल और मोहन गुरनानी, महाराष्ट्र चेंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर से ललित गांधी, फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र से जितेंद्र शाह और प्रीतेश शाह, पुणे मर्चंट्स चेंबर से रायकुमार नाहर और राजेंद्र भंटिया और ग्रेन, राइस एंड ऑयल सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन से भीमजी भानुशाली और वीराजी शामिल थे, ने महाराष्ट्र सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और विधायक माधुरी मिसाल की प्रमुख उपस्थिति में महाराष्ट्र सरकार के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सह्याद्री गेस्ट हाउस में मुलाकात की।
बैठक में उपमुख्यमंत्री के सचिव श्रीकर परदेशी, सहकारी और विपणन सचिव अनूप कुमार, शहरी विकास विभाग-२ के प्रधान सचिव असीम गुप्ता, वित्त के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक, विधिक माप विज्ञान नियंत्रक रामचंद्र धनावडे, निदेशक विपणन महाराष्ट्र राज्य, पुणे, सचिव मुंबई कृषि उत्पादन बाजार समिति, नवी मुंबई, सचिव पुणे कृषि उत्पादन बाजार समिति, पुणे और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान, महाराष्ट्र राज्य व्यापारी कृति समिति के सदस्यों ने राज्य भर में व्यापार और उद्योग से संबंधित गंभीर मुद्दों को उठाया। एलबीटी विभाग को बंद करना, एपीएमसी सेस और अन्य संबंधित मुद्दे, लीज होल्ड संपत्ति के हस्तांतरण पर जीएसटी के पूर्वव्यापी कर लगाने से जुड़े जीएसटी मुद्दे, धारा 16 (2) और 16 (2) (उ) की व्याख्या और कार्यान्वयन, ई-वे बिल, अतिरिक्त व्यापार स्थल में चुनौतियाँ, माल के स्टॉक हस्तांतरण और जीएसटी क्रेडिट रिवर्सल की अनुमोदन प्रक्रिया की आवश्यकता, नगर निगम द्वारा लाइसेंसी गालेधारकों के किराए में अत्यधिक वृद्धि को तर्कसंगत बनाना, विधिक माप विज्ञान अधिनियम की धारा ३ में प्रस्तावित संशोधन को रद्द करना प्रमुख मुद्दे थे जिन पर चचां की गई। भीमजी भानुशाली ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।