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मुंबई :
विधान परिषद के लिए आखिरी दिन किसी ने अपना नामांकन पत्र वापस नहीं लिया. इससे 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में हैं. 12 जुलाई को विधान परिषद के लिए विधानसभा में वोटिंग होगी. गुप्त मतदान के कारण बड़े पैमाने पर आर्थिक खरीद-फरोख्त की आशंका है. इस बीच महायुति की ओर से एक अहम जानकारी सामने आई है. विधान परिषद चुनाव के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy CM Devendra Fadnavis) को महायुति की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. देवेन्द्र फडनीस महायुति के विधायकों को प्रथम वरीयता और द्वितीय वरीयता का वोट कैसे देना है, इस बारे में मार्गदर्शन देने वाले हैं। यह बात सामने आई है कि वे भाजपा उम्मीदवार लाने के बजाय महायुति के उम्मीदवार को चुनने के लिए वोटिंग पैटर्न तय करेंगे.
2022 जैसा दिखेगा देवेंद्र फडणवीस का 'जादुई पैटर्न'?
2022 के राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में देवेंद्र फडणवीस ने जादू कर दिया था. अब उसी जादुई पैटर्न को फिर से चलाने की मुख्य जिम्मेदारी देवेन्द्र फडणवीस को दी गई है. ऐसे में अगले कुछ दिनों में यह साफ हो जाएगा कि क्या 2024 में भी देवेंद्र फडणवीस का जादू चलेगा या नहीं.
महायुति के 9 और महाविकास अघाड़ी के 3 उम्मीदवार
सत्तारूढ़ महायुति ने विधान परिषद चुनाव के लिए नौ उम्मीदवार उतारे हैं और विपक्षी महाविकास अघाड़ी के तीन उम्मीदवार मैदान में हैं. बीजेपी ने सबसे ज्यादा पांच उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने दो-दो उम्मीदवार उतारे हैं. कांग्रेस और शिवसेना ठाकरे ने एक-एक उम्मीदवार मैदान में उतारा है. शरद पवार ने भारतीय किसान और लेबर पार्टी के उम्मीदवार जयंत पाटिल का समर्थन किया है.
क्या है पार्टी की ताकत?, जानें
महायुति में बीजेपी के 103, शिवसेना के 40 और एनसीपी के 40 विधायक हैं. महायुति में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) 1 विधायक के साथ, बहुजन विकास अघाड़ी 2 विधायकों के साथ एनडीए का हिस्सा है. प्रहार जनशक्ति पार्टी 1 समेत अन्य की महायुति में हिस्सेदारी 203 है. महाविकास अघाड़ी को कांग्रेस (37), शिवसेना ठाकरे (16), राष्ट्रवादी शरद पवार (12), समाजवादी पार्टी (2), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सहित 69 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.