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नागपुर :
कहते हैं जल ही जीवन है. पानी के बिना कुछ भी नहीं. यह बात सही भी है. लेकिन यह पानी यदि हम बार-बार कभी भी पीने लगे तो यह हमारे लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. जी हां, यह सुनकर आप आश्चर्यचकित जरूर हो रहे होंगे, लेकिन यह बात खुद चिकित्सक कह रहे हैं.
चिकित्सकों के अनुसार हमारे शरीर के खून में 83 प्रतिशत पानी होता है. यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का काम करता है. यही नहीं अन्न का रूपांतरण ऊर्जा में करने के लिए पानी की महती आवश्यकता होती है. इसीलिए भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए. अक्सर इस तरह की बातें हमें आसपास सुनने के लिए मिल जाती हैं.
कम पानी पीने से हो सकती है समस्या
शरीर में पानी की कमी हो गई तो कई तरह की गंभीर बीमारियों का सामना हमें करना पड़ सकता है. शरीर में पानी की कमी होने से ब्लड सर्कुलेशन, लीवर और किडनी पर इसका असर होता है. स्किन ड्राई हो जाती है. सिरदर्द और पैर में दर्द शुरु भी शुरु हो जाता है.
ज्यादा पानी पीना भी अच्छा नहीं
चिकित्सकों की मानें तो जो लोग ज्यादा पानी पीते हैं, उनके शरीर में सोडियम की कमी होने लगती है. ऐसे समय में मांस पेशी में पानी का प्रमाण बढ़ जाता है, जिससे भारीपन महसूस होने लगता है. इसे हायपो नाट्रेमिया कहते हैं.
निरोगी व्यक्ति को लगभग 6 से 8 ग्लास पानी पीना जरूरी होता है. गर्मियों के दिनों में इसमें डेढ़ गुना बढ़ोतरी हो सकती है. नींबू पानी, आम का पना भी लिया जा सकता है. लेकिन जिन्हें किडनी, हृदय जैसी समस्याएं हैं, उन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही पानी पीना चाहिए. प्यास लगना यानी 'माइल्ड डिहाइड्रेशन' होता है, यह कहते हुए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. अमोल समर्थ ने ज़्यादा पानी पीने से शरीर में उत्पन्न होने वाली जटिलताओं पर प्रकाश डाला.