नागपुर।
दिवाली, भारत में बहुप्रतीक्षित और बड़े पैमाने पर मनाया जाने वाला खुशी का त्यौहार है, जो रोशनी, पटाखों और भोजन, खास तौर पर मिठाइयों के साथ मनाया जाता है। डॉ. स्वाति अवस्थी के अनुसार चकली का एक टुकड़ा, मुट्ठी भर चिवड़ा और एक कौर लड्डू, इन दिवाली स्नैक्स का लुत्फ उठाना लगातार जारी है।
पिछला सप्ताह व्यस्त, स्वादिष्ट भोजन, लाड़-प्यार और मौज-मस्ती से भरा रहा। कार्ड, पार्टियां, परिवार के साथ समय बिताना, दोस्त, खाना-पीना हर चीज को प्रत्येक दिन नए उत्सवों के साथ दोहराया जाता था। दिवाली के त्यौहार के दौरान पटाखों से निकलने वाले धुएं, हेवी ट्रैफिक के कारण होने वाले प्रदूषण और तले हुए स्नैक्स और मिठाइयों के सेवन से शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं। हालांकि, त्योहारों के मौसम में, कैलोरी से भरपूर खाद्य पदार्थों के कारण हमारा शरीर और दिमाग थका हुआ, सुस्त, निष्क्रिय और आलसी महसूस करता है।
जबकि साल में एक बार सारी मौज मस्ती करना बिल्कुल सही है, लेकिन अब शरीर को आराम देने का समय आ गया है जिसकी उसे ज़रूरत है। अधिक चीनी के सेवन से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, आपका ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, मूड स्विंग हो सकता है और आपका पाचन खराब हो सकता है। इससे मीठे और तले हुए खाद्य पदार्थ खाने की इच्छा और अधिक बढ़ जाती है।