केरल : भारत पहले ही कोविड की खतरनाक लहरों से जूझ चुका है और फिर एक बार इसके फैलने के आसार नजर आने लगे है। दरअसल, केरल में कोविड के सब-वेरिएंट JN.1 के मिलने पर स्वास्थ्य प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। JN.1 को पहली बार सितंबर 2023 में संयुक्त राज्य अमेरिका में पाया गया था। जानकारी के मुताबिक, केरल के कुछ हिस्सों में पाया गया यह JN.1, BA.2.86 का वंशज (Descendant) है। जिसने इसके प्रभाव के बारे में चिंता को बढ़ा दिया है। भारत SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG), जो एक बहु-प्रयोगशाला, बहु-एजेंसी, अखिल भारतीय नेटवर्क है। इसे सिक्वेंसिंग और नए खतरनाक कोविड -19 वेरिएंट पर नज़र रखने का काम सौंपा गया है। INSACOG ने ही इस पर नजर रखी है।
INSACOG के प्रमुख एन.के. अरोड़ा ने कहा, "इस वेरिएंट को अलग कर दिया गया है और नवंबर में रिपोर्ट किया गया है कि यह BA.2.86 का एक सब-वेरिएंट है। हमारे पास JN.1 के कुछ मामले हैं। भारत निगरानी रख रहा है और यही कारण है कि अब तक किसी अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर बीमारी की सूचना नहीं मिली है।"
नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन के अनुसार, "सात महीने के अंतराल के बाद, भारत में मामले बढ़ रहे हैं। केरल में, लोगों के कोविड होने की खबरें हैं, लेकिन अब तक पहले की तरह की गंभीरता कम ही दिख रही है। जीनोम सीक्वेंसिंग यह बताता है कि प्रत्येक क्षेत्र में किस प्रकार का वायरस फैल रहा है।
जयदेवन ने कहा कि JN.1 वैरिएंट तेजी से फैलने में सक्षम है। JN.1 एक गंभीर रूप से प्रतिरक्षा-रोधी और तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है, जो XBB और इस वायरस के अन्य सभी पूर्व वेरिएंट से स्पष्ट रूप से अलग है। यह उन लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है जिन्हें पहले भी कोविड हुआ था और जिन लोगों को टीका लगाया गया था। राजीव जयदेवन ने यह भी कहा कि JN.1 को विभिन्न देशों में रिपोर्ट किया गया है। JN.1 कई पश्चिमी देशों में तेजी से बढ़ रहा है।