नागपुर : महाराष्ट्र के विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को राकांपा विधायक सुमन ताई पाटिल, विधायक रोहित पवार ने बेमौसम हुई नुकसान के कारण अंगूर के बागानों सहित कृषि के नुकसान पर अफसोस जताया और सदन के बाहर सरकार का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया।
उनका कहना है कि सरकार किसानों के इस नुकसान की ओर ध्यान नहीं दे रही है। बस यही वजह थी कि सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए एनसीपी विधायक रोहित पवार, विधायक सुमन ताई पाटिल, विधायक प्राजक्ता तनपुरे समेत एनसीपी विधायकों ने सड़े हुए अंगूरों के साथ नागपुर में विधान भवन की सीढ़ियों पर धरना दिया। उनका कहना है कि सरकार को किसानों का कृषि ऋण माफ करना चाहिए और अंगूर उत्पादकों को प्रति एकड़ एक लाख रुपये मुआवजा देना चाहिए। अन्यथा विधायक रोहित पवार ने चेतावनी दी कि हम किसानों को साथ लेकर आंदोलन करेंगे।
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विधायक सुमनताई पाटिल सत्र में किसानों की समस्याएं रख रही हैं। लेकिन सरकार इस पर बात करने को तैयार नहीं है. एनडीआरएफ के मापदंड के अनुसार सरकार को तत्काल चार गुना सहायता उपलब्ध करानी चाहिए। लेकिन सरकार सिर्फ घोषणा कर रही है। अंगूर उत्पादकों को राहत दिलाने के लिए हम मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, कृषि मंत्री से मिलेंगे और हम उनसे अनुरोध करेंगे कि वह किसी मंत्री से मिले और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए कोई निर्णय ले। अगर अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया गया तो हम किसानों को साथ लेकर आंदोलन के माध्यम से उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे।
रोहित पवार ने चेतावनी देते हुए कहा कि विधायक से ज्यादा महत्वपूर्ण है जनता का हित। यदि मांग पूरी नहीं होती है तो इसके लिए हमें जो भी करना होगा हम करेंगे। अगर अंगूर उत्पादकों की मदद नहीं की गई तो हम सरकार को जिम्मेदार ठहराएंगे। रोहित पवार का कहना है कि यदि ऐसे समस्या लगातार तीन साल तक रही तो किसान कर्ज नहीं चुका पाएंगे। इसलिए किसान को कर्जमाफी मिलनी चाहिए।
अंगूर उत्पादकों की मांग इस प्रकार :
अंगूर उत्पादकों की मांगों में सभी कर्ज माफ कर प्रति एकड़ एक लाख रुपये करने, अंगूर लेकर भागने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई के लिए कानून बनाने, अंगूर पर फसल बीमा 1 अगस्त से 31 अक्टूबर तक लागू किये जाने, दमनकारी स्थितियाँ समाप्त करें और मुआवजे की राशि बढ़ाने जैसी मांगे शामिल है।
सत्ताधारी सरकार द्वारा पंचनामा किये जाने का दावा झूठा - रोहित पवार
एनसीपी विधायकों ने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष की सहायता किसानों को अभी तक नहीं मिली है। सबसे ज्यादा निवेश अंगूर की फसल में है। यदि इसमें नुकसान होता है तो सहायता दी जाए। रोहित पवार कहते है कि सत्ताधारी नेता कहते है कि बेमौसम नुकसान का पंचनामा हुआ है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। पहले पंचनामा और नुकसान भरपाई की मांग एनसीपी विधायकों ने की है।