नागपुर : राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत, 2025 तक जिला स्तर पर और 2027 तक तालुका स्तर पर शून्य कुष्ठ संक्रमण प्राप्त करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए नागपुर जिले की एक "रणनीतिक कार्य योजना" तैयार की गई है। इस पुस्तिका का विमोचन जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कार्यकारी एवं जिलाधिकारी डॉ विपिन इटनकर की मुख्य उपस्थिति में किया गया।
कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी के मार्गदर्शन में सहायक संचालक स्वास्थ्य सेवाएँ (कुष्ठ रोग) ने एक "रणनीतिक कार्य योजना" तैयार की है जिसका विमोचन मंगलवार को कलेक्टोरेट स्थित बचत भवन में किया गया। इस अवसर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक डॉ. पुरूषोत्तम मडावी, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. निवृत्ति राठोड, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय डावले, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य डॉ. श्रीराम गोगुलवार, मनपा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बहिरवार, सहायक कुष्ठ प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक डॉ. कन्नमवार, वैश्विक स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार डॉ. भाग्यश्री त्रिवेदी उपस्थित थे।
डॉ. इटनकर ने घोषणा की कि जिले में चलाए जा रहे कुष्ठ रोग कार्यक्रम में मदद की जाएगी। कलेक्टर ने जिला स्वास्थ्य रणनीतिक कार्य योजना तैयार होने के दौरान सहायक निदेशक (कुष्ठ रोग) के कार्यालय द्वारा कुष्ठ रोग पर कार्य योजना तैयार करने वाले पहले व्यक्ति होने के लिए कुष्ठ विभाग की सराहना की।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौम्या शर्मा ने जिले में सहायक निदेशक (कुष्ठ रोग) कार्यालय की पूरी टीम को अब तक किये गये उत्कृष्ट कार्यों के लिए बधाई दी तथा जिले में कुष्ठ रोग कार्यक्रम के तहत क्रियान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी तथा कुष्ठ रोग कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।
इस कार्यक्रम में सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सहायक निदेशक (कुष्ठ रोग) डॉ. दीपिका सकोरे ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर स्वास्थ्य सेवा उपसंचालक डॉ. कंचन वानेरे ने मंडल में कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी दी। साथ ही सहायक निदेशक (कुष्ठ रोग) कार्यालय द्वारा तैयार किये गये कार्यक्रम "कुसुम" (कुष्ठ रोग मुक्त सुरक्षित महाराष्ट्र) का वीडियोटेप भी दिखाया गया।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रतिभा बांगड़ ने किया। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए डॉ. संजय पुलकवार, डॉ. सिद्दीकी, डॉ. शाजिया शम्स, चिकित्सा अधिकारी और कुष्ठ रोग कार्यालय के कर्मचारियों ने सहयोग किया।